फसलों पर कीटों का हमला: सोयाबीन और मक्का की स्थिति गंभीर 


धार जिले के किसानों के खेतों में इल्लियों, सफेद मच्छरों और लाल मकड़ी का प्रकोप बढ़ गया है। इससे सोयाबीन और मक्का की फसलें बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। मौसम की बेरुखी और बारिश की कमी से भी फसलों की स्थिति बिगड़ रही है। कृषि विभाग ने कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर उपाय किए हैं, लेकिन अभी तक राहत नहीं मिली है। किसान तेज बारिश की उम्मीद कर रहे हैं ताकि फसलों को बचाया जा सके।


आशीष यादव
उनकी बात Updated On :

धार जिले के किसानों के लिए इस बार का फसल सीजन चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। खेतों में इल्लियों, सफेद मच्छरों, और लाल मकड़ी के हमलों ने फसलों की स्थिति को गंभीर बना दिया है।

 

कीटों का प्रकोप:

किसानों की सोयाबीन और मक्का की फसलें इल्लियों और मच्छरों के हमले से बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। विशेष रूप से, सेमीलूपर, स्टेम बोरर, गर्डल बीटल, और तम्बाकू की इल्ली ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही, सफेद मच्छर और लाल मकड़ी भी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन कीटों के खिलाफ कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन ये दवाएं भी पूरी तरह प्रभावी नहीं हो पा रही हैं।

मौसम की बेरुखी:

मौसम की बेरुखी और बारिश की कमी से फसलों की वृद्धि प्रभावित हुई है। रिमझिम बारिश ने तो फसलों की स्थिति को खराब कर दिया, और अब किसान तेज बारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर तेज बारिश जल्द नहीं होती, तो आने वाली फसलों को भी नुकसान हो सकता है।

नई वैरायटी पर संकट:

इस साल किसानों ने सोयाबीन की नई वैरायटी उगाई थी, जिसमें 150, 2218, 2117, 2034, 1516, 2096, और 9560 जैसी किस्में शामिल हैं। शुरू में इन फसलों की स्थिति अच्छी दिख रही थी, लेकिन कीटों के प्रकोप और बारिश की कमी ने स्थिति को बिगाड़ दिया है। अब किसानों की उम्मीदें धीरे-धीरे फीकी पड़ रही हैं क्योंकि इल्लियों के बढ़ते प्रकोप ने उनकी फसलों को प्रभावित किया है।

 

विभागीय पहल:

कृषि विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है, जो खेतों में जाकर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कर रही हैं। उपसंचालक कृषि विभाग, ज्ञानसिंह मोहनिया ने बताया कि कीटों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए समय पर दवाओं का छिड़काव और उचित उपाय आवश्यक हैं। विभाग की टीमें नियमित रूप से खेतों का निरीक्षण कर रही हैं और किसानों को सलाह दे रही हैं।

आशा की किरण:

किसान अभी भी आशा कर रहे हैं कि अगर जल्द ही जोरदार बारिश होती है, तो कीटों की समस्या में राहत मिल सकती है और फसलों की स्थिति में सुधार हो सकता है। फिलहाल, किसानों की नजरें आसमान की ओर टिकी हुई हैं, क्योंकि अच्छी बारिश ही उनके संकट का समाधान हो सकती है।

इस कठिन समय में, किसानों की मेहनत और धैर्य की परीक्षा हो रही है, और वे उम्मीद कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में मौसम में बदलाव उनकी फसलों को नुकसान से बचा सके।


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