'स्टेट ऑफ़ रूरल यूथ एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट 2024' में दिखाई दिए युवा किसानों की चिंताजनक हालात, खेती को नहीं देखते लाभप्रद व्यवसाय
महिलाओं से जुड़े अपराधों पर कड़े कानून लाएगी सरकार, सामूहिक बैठक में बताए उपाय
अभ्यर्थी अब तक दर्जनों आंदोलन और सकड़ों आवेदन कर चुके हैं लेकिन नौकरी के तमाम आश्वासनों के बाद आज भी इनकी स्थिति नहीं बदली है।
कचरा लाने की तारीख हो रही है तय, कांग्रेस और भाजपा दोनों एक साथ करेंगे विरोध
किसानों ने कहा कि फसलें जहरीली होंगी, अगली पीढ़ी बर्बाद होगी इससे बेहतर है मर जाना, दोनों दलों के नेताओं ने कहा हम करेंगे पुरजोर विरोध
परेशान किसानों की नहीं हो रही सुनवाई, सड़क पर लगाया जाम
जेल में रहते हुए भी राजाराम ने पढ़ाई का जज्बा नहीं छोड़ा और अब तक लॉ के चार-पांच पर्चे दे चुका है। वह जेल में नियमित रूप से कई घंटे पढ़ता है ताकि…
किसानों को समर्थन मूल्य पर मूंग बेचने में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे कि सर्वेयरों की रिश्वतखोरी, बारदाने की कमी और भुगतान में देरी। विदिशा और नरसिंहपुर जिलों में…
सरपंच-पंच धरने पर, कहा सरकार ने हमारे अधिकार छीन लिये
किसान बजट को बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए लाभदायक बता रहे अपने लिए नहीं
कलेक्टर कार्यालय के बाबू पर जमीन हथियाने का आरोप
मप्र सरकार ने अब मूंग खरीदी की सीमा बढ़ा दी है।
सोयाबीन की बोवनी के बाद से ही बारिश में कमी, तेज़ बारिश का इंतजार कर रहे हैं किसान
शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, ऐसा करना लाखों इमानदार परिक्षार्थियों के साथ ठीक नहीं होगा।
- अब तक सरकार की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। - अनशन में बैठने वाले प्रभावितों को अपनी खेती की जमीन का मुआवजा भी नहीं मिल रहा। - पाटकर काफी समय से…
अभ्यर्थियों ने भाजपा सरकार पर वादा खिलाफी के आरोप लगाए।
एसकेएम ने यह भी घोषणा की कि उसकी आम सभा की बैठक 10 जुलाई को दिल्ली में होगी, जिसमें पूरे भारत से घटक किसान संगठनों के नेता शामिल होंगे।
तीस प्रतिशत से कम रिजल्ट पर नहीं मिलेगी इस नए सत्र में नौकरी, कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं, खराब रिजल्ट वाले स्कूलों से जुड़े शिक्षकों को सता रही बेरोजगारी की चिंता।
गांव में मेहरागांव रेत खदान है जहां रेत का अंधाधुंध खनन होता है और इससे ग्रामीण परेशान हैं। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सीएसआर का लालच दिया लेकिन ग्रामीणों ने ठुकरा दिया।
विधानसभा चुनावों के दौरान इन संगठनों की भूमिका अहम रही है, कमलनाथ ने इसे हिटलरशाही बताया