उज्जवला योजना की छठवीं सालगिरह पर महंगी गैस का प्रचार कर रहे नेता!


ठीक इसी मौके पर सरकार ने कर्मशियल सिलेंडर के दाम भी 102 रुपये बढ़ाए हैं। लोग नेताओं से सवाल पूछ रहे हैं तो वे उन्हें बता रहे हैं कि सरकार ने 6 साल में 9 करोड़ लोगों को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिये…


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उनकी बात Updated On :

इंदौर। केंद्र सरकार दी उज्जवला योजना को छह साल पूरे हो गए हैं। जिसे सरकार और भाजपा द्वारा खूब प्रचारित किया जा रहा है। हालांकि छह साल पहले देश में मिलने वाली एलपीजी गैस के दाम और अब के हालात में काफी अंतर आ चुका है।

इसके उलट ठीक इसी मौके पर सरकार ने एलपीजी के दाम फिर बढ़ा दिये हैं हालांकि यह बढ़ोत्तरी घरेलू गैस के दाम में नहीं बल्कि कर्मशियल गैस के दामों में हुई है।

19.2 किलोग्राम के गैस सिलेंडर पर सरकार ने 102.50 रुपये बढ़ाए हैं। इसके साथ ही कर्मशियल गैस का दाम अब दिल्ली में 2253 रुपये हो चुका है। इससे पहले यह दाम 2253 रुपये थे। इससे पहले अप्रैल के महीने में कमर्शियल सिलेंडर के दाम में 268 रुपए 50 पैसे की बढ़ोत्तरी हुई थी।  मई में नए रेट लागू होने के बाद दिल्ली में 19 किलो वाला सिलेंडर 2355 रुपए मे मिलेगा।

केंद्र सरकार ने घरेलू रसोई गैस की कीमतों में कोई बदवाल नहीं किया है। ऐसी स्थिति में दिल्ली में बिना सबसिडी वाला घरेलू सिलेंडर 949.50 रुपए में मिलता रहेगा। मुंबई में  949.50 रुपए, कोलकाता में 976 रुपए, चेन्नई में 965.50 रुपए और लखनऊ में 987.50 रुपए और इंदौर में 977 रुपये के दाम पर मिल रहा है।

सिलेंडर महंगा होने के बाद सत्ताधारी भाजपा की शासन प्रणाली सवालों में हैं। लोग नेताओं से महंगाई को लेकर सवाल पूछ रहे हैं। ऐसे में भाजपा के नेता सरकार की दूसरी उपलब्धियां गिना रहे हैं। ये सभी नेता केंद्र सरकार की उज्जवला योजना के छह वर्ष पूरे होने पर लोगों को दिए गए मुफ्त एलपीजी कनेक्शन का प्रचार कर रहे हैं।

 

 

1 मई 2016 को मज़दूर दिवस के ही दिन सरकार ने गरीब से गरीब वर्ग के परिवारों के लिए एलपीडी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उज्जवला योजना की शुरुआत की थी। यह योजना उप्र के बलिया से शुरु की गई थी। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक इस दिन दिल्ली में बिना सब्सिडी वाली गैस का दाम 527 रुपए प्रति सिलेंडर था और आज दिल्ली में इसका दाम 950 रुपये प्रति सिलेंडर के करीब है।

ऐसे हालातों में जनता का गुस्सा भी लाज़मी है। लिहाज़ा लोग नेताओं से कड़े सवाल भी कर रहे हैं।

 

कर्मशियल सिलेंडर के दाम बढ़ने से महंगाई के बोझ तले दबी जनता की परेशानी खासी बढ़ेगी। इसके बाद  होटल-रेस्टोरेंट में भोजन करना महंगा हो जाएगा। इंदौर के एक रेस्टोरेंट संचालक के मुताबिक अब व्यापार करना दिन ब दिन महंगा होता जा रहा है। दो महीने पहले तक जो सिलेंडर दो हजार रुपये तक मिल रहा था अब उसका दाम 2350 तक पहुंच रहा है ऐसे में उनका बजट बिगड़ चुका है। इसके साथ ही खाद्य तेल के दाम में भी बढ़ोत्तरी हुई है। रेस्टोरेंट संचालक के मुताबिक बढ़े हुए दाम का असर खाने के बिल पर ही पड़ता है। ऐसे में पके हुए भोजन के दाम भी बढ़ना तय हैं।

सरकार जहां एक ओर सिलेंडर के दाम बढ़ा कर उसे लोगों की पहुंच से दूर कर रही है तो वहीं दूसरी ओर अपनी योजनाओं के तहत दी गई घरेलू गैस का खूब प्रचार प्रसार भी कर रही है।

केंद्र सरकार के मुताबिक बीते छह सालों में नौ करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को एलपीजी का मुफ्त कनेक्शन दिया गया है। इसके अलावा इस पूरे तंत्र से करीब एक लाख लोगों को रोज़गार मिला है।

सरकार के द्वारा बताई गई इन उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार ज़ोर शोर से किया जा रहा है। हालांकि यह बात भी सही है कि एलपीजी कनेक्शन जिन लोगों को मिला है उनमें से ज्यादातर अब इस स्थिति में नहीं हैं कि वे सिलेंडर के पैसे चुका सकें लिहाज़ा उन्होंने इसका उपयोग ही बंद कर दिया है। इसे लेकर तमाम रिपोर्ट तैयार की जा चुकी हैं।


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