भोपाल। तीन साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे ओबीसी चयनित शिक्षक शीघ्र नियुक्ति की मांग मांग को लेकर बीते दो दिनों से प्रदेश की राजधानी भोपाल में डटे हुए हैं।
तीन साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे ओबीसी चयनित शिक्षकों के समूह ने मंगलवार को भाजपा कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया।
बता दें कि सोमवार की रात 10 बजे इन ओबीसी चयनित शिक्षकों का धरना-प्रदर्शन पुलिस प्रशासन के आश्वासन के बाद खत्म हुआ था। पुलिस प्रशासन ने मंगलवार को मुख्यमंत्री से उन्हें मिलाने का आश्वासन दिया था।
सोमवार से ही ओबीसी चयनित शिक्षक भोपाल में विशाल धरना-प्रदर्शन कर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। इस दौरान 10 चयनित शिक्षकों ने मुंडन कराकर शासन का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया।
अभी हाल में होली से दो दिन पहले प्रतीक्षारत सूची में शामिल 1776 चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए, लेकिन इसमें 11 विषयों के ओबीसी अभ्यर्थी वंचित रह गए।
इससे आक्रोशित ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षक सोमवार को राजधानी में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) के समक्ष जुटे और धरना प्रदर्शन किया।
ओबीसी चयनित शिक्षक संघ का कहना है कि 16 मार्च को स्कूल शिक्षा विभाग ने जो आदेश जारी किया, जिसमें किसी भी विषय में ओबीसी अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं जारी की गई।
अत: पांच विषय में 600 अभ्यर्थी होल्ड से प्रभावित हैं और 11 विषयों में 1400 अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित हैं। इस तरह कुल दो हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति पत्र रुका हुआ है जिसमें ज्यादातर अभ्यर्थी आर्थिक तंगी और मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं।
ओबीसी चयनित शिक्षक संघ का कहना है कि मप्र शिक्षक भर्ती-2018 को वर्ग-1 स्कूल शिक्षा विभाग में 17 हजार पद और जनजातीस कार्य विभाग में दो हजार पदों के लिए विज्ञापन जारी हुआ था जिसमें प्रथम चरण में 15 हजार पद ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण के आधार पर चयन प्रक्रिया पूरी की गई।
इसी आधार पर मेरिट सूची में नाम आने से दस्तावेजों का सत्यापन कार्य भी पूरा कर लिया गया। अक्टूबर 2021 को सभी विषयों के कुल 8292 अभ्यर्थियों की नियुक्ति पत्र जारी हुआ, जिसमें 11 विषयों में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया गया, लेकिन पांच विषय में ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण दिया गया। पांच विषयों के 13 फीसदी पद होल्ड पर हैं और नियुक्ति से वंचित हैं।