भोपाल। निरस्त किये जा चुके पंचायत चुनावों से शुरु हुआ ओबीसी आरक्षण का मुद्दा अब तक गर्म है। रविवार को भोपाल में इसे लेकर एक बड़ा प्रदर्शन हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में ओबीसी के लोग भोपाल पहुंचे। इस प्रदर्शन में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर भी पहुंचे। हालांकि पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया। बताया जाता है कि उनके साथ करीब डेढ़ हज़ार और लोगों को पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर हिरासत में लिया है।
इसके बाद सोशल मीडिया पर हिरासत में लिये गए सभी लोगों की रिहाई के लिए अभियान चलाया जा रहा है। वहीं ट्विटर पर ओबीसी विरोधी बीजेपी हैशटैग चलाया जा रहा है। इस बीच ओबीसी महासभा ने अपना प्रदर्शन तेज़ करने और तीसरे मोर्चे के तौर पर चुनाव में उतरने का भी ऐलान कर दिया है।
ये तो बेहद गंभीर मामला है। ओबीसी की आवाज़ उठाने वालों के साथ ये बर्ताव? @ChouhanShivraj #ReleaseChandrashekharAzad https://t.co/6c1ZDwzOJ4
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) January 2, 2022
ओबीसी आरक्षण को लेकर रविवार को भोपाल में खासी गहमागहमी रही। ओबीसी महासभा ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास को घेरने की योजना बनाई थी। इसे लेकर पुलिस खासी सतर्क थी। इसके बाद मुख्यमंत्री के आवास की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग सहित कई दूसरे रास्त बंद कर दिये।
ओबीसी महासभा ने प्रदर्शन का ऐलान पहले ही कर दिया था और इसके लिए तैयारी भी तेजी से हो रही थी। ऐसे में पुलिस शुरुआत से ही खासी सतर्कता बरत रही थी। इसे लेकर भोपाल पहुंचने वाली बसों और यहां के रेलवे स्टेशन तक में चैकिंग की जा रही थी।
मध्यप्रदेश के भोपाल में ओबीसी महासभा द्वारा पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने की माँग को लेकर आज प्रदर्शन करने की घोषणा की गई। लेकिन प्रदर्शन पूर्व ओबीसी महासभा के लोगों के साथ @ChouhanShivraj सरकार प्रशासन द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया गया। निंदनीय। #ओबीसी_विरोधी_बीजेपी pic.twitter.com/x5vc12NAA1
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) January 2, 2022
ओबीसी महासभा के प्रदर्शन के बाद ही कांग्रेस भी इस प्रदर्शन पर नज़र बनाए हुए है। प्रदर्शन के ऐलान के बाद से ही सरकार ने इसे दबाने की कोशिशें शुरु कर दी थीं। जिसे लेकर कांग्रेस ने सरकार की खासी आलोचना की। इसके बाद जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पकड़ा तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार की जमकर आलोचना की और सरकार को ओबीसी के खिलाफ दिखाने की कोशिश की। वहीं प्रदेश के अहम मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस प्रदर्शन के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया। उन्होंने कहा कि ये जो भी कुछ हो रहा है वह सब कांग्रेस करवा रही है।
ओबीसी महासभा द्वारा पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करने की माँग को लेकर आज भोपाल में प्रदर्शन की पूर्व से ही घोषणा की गयी थी।
लेकिन पता नही शिवराज सरकार को ओबीसी वर्ग से परहेज़ क्यों , सरकार उनके दमन पर क्यों उतारू हो गयी है। pic.twitter.com/cjOxDTQ4qL— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 2, 2022
ओबीसी के प्रदर्शन को लेकर प्रदेश में बहुत सुर्ख़ियां भले ही न मिलीं हों लेकिन इस प्रदर्शन के बाद ओबीसी को मनाना सरकार के लिए कुछ मुश्किल भरा साबित हो सकता है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठ रहे हैं। जानकारों का मानना है कि कि सरकार अब अपने खिलाफ़ किसी भी प्रदर्शन की को बर्दाश्त नहीं कर रही है।
ओबीसी महासभा ने आज भोपाल में सीएम हाउस घेरने की कोशिश की । बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने किया गिरफ्तार।
पंचायत चुनाव में ओबीसी का आरक्षण निरस्त होने से ओबीसी महासभा नाराज है। @ABPNews #Obcआरक्षण_क़े_साथ_खिलवाड़_बंद_करो pic.twitter.com/omBGp04jN0— Brajesh Rajput (@brajeshabpnews) January 2, 2022
दैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक ओबीसी महासभा तीसरा मोर्चा तैयार कर रही है। यह मोर्चा 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेगा। यह बात ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय महासचिव तुलसीराम पटेल ने कही।
पटेल के मुताबिक सांसद-विधायक कोई सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। इस वर्ग के जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट के लिए अपने आप को ओबीसी वर्ग का बताते हैं और इसीलिये अब आंदोलन जिला स्तर पर किया जाएगा। पटेल ने कहा कि अब देखेंगे कि शासन और प्रशासन इस विरोध को किस हद तक दबाता है।
पटेल ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी मांगों के संबंध में ज्ञापन देना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने पदाधिकारियों को शनिवार को ही नजरबंद कर दिया। जिलों में कार्यकर्ताओं को भोपाल आने से पुलिस ने रोक दिया। जो भोपाल तक पहुंच गए, उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है। पटेल ने आरोप लगाया कि कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस मारपीट कर रही है।
ये हैं ओबीसी महासभा की मांगें…
नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में 52% आबादी के हिसाब से आरक्षण दिया जाए। ओबीसी की जनगणना 1971 के बाद अब तक नहीं की गई है। उनका कहना है कि मध्य प्रदेश में 65 और देश में 85% आबादी ओबीसी है। केंद्र सरकार कहती है कि 27% आरक्षण दे रहे हैं। राज्य सरकार कह रही है कि 14% इस वर्ग को दिया जा रहा है, लेकिन सच यह है कि 8% आरक्षण भी नहीं दिया जा रहा है।