इंदौर। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2020 की रैंकिंग में मध्यप्रदेश 16 वें स्थान पर आ गया है। कमलनाथ सरकार के समय प्रदेश की रैंकिंग 9 थी। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट में न्याय वितरण प्रणाली के चार स्तंभों- न्यायपालिका, पुलिस, जेल और कानूनी सहायता के आधार पर राज्यों को रैंकिंग दी जाती है। रैंकिंग में महाराष्ट्र टॉप पर और उत्तरप्रदेश सबसे निचले पायदान पर है। ये रिपोर्ट भारत में न्याय व्यवस्था पर प्रकाश डालती है, जिसके मुताबिक़ महाराष्ट्र सबसे अव्वल और उत्तरप्रदेश सबसे नीचे रहा है।
महाराष्ट्र के बाद इस रैंकिंग में तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब और केरल क्रमश: दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर आते हैं। इस रैंकिंग में तेलंगाना ने शानदार छलांग लगाई है। तेलंगाना इस रैंकिंग में पिछले साल 11वें नंबर पर था वो इस साल तीसरे नंबर आ गया है।
गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड हरियाणा और और राजस्थान जैसे राज्यों ने जस्टिस डिलीवरी में औसत रैकिंग हासिल की है, इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात छठे, छत्तीसगढ़ 7वें, झारखंड 8वें स्थान पर आया है। झारखंड ने पिछले साल के मुकाबले रैंकिंग में 8 स्थानों की छलांग लगाई है।
न्याय देने के मामले में उत्तर प्रदेश पिछले साल की तरह एक बार फिर इस बार भी सबसे निचले पायदान पर यानी कि 18वें स्थान पर है। ये रैंकिंग 18 बड़े और मध्यम श्रेणी के राज्यों के लिए की गई है। उत्तर प्रदेश को 10 में से 3.15 अंक मिले हैं, जबकि महाराष्ट्र 5.77 अंक लाकर नंबर वन रहा है। बंगाल साल 2019 में इस रैंकिंग में 12वें नंबर पर था, लेकिन इस बार उसकी रैंकिंग में 5 अंकों की गिरावट हुई है और वो 17वें स्थान पर आ गया है। इसी तरह मध्य प्रदेश पिछले साल 9वें स्थान पर था, लेकिन इस बार 7 अंक फिसलकर वो 16वें स्थान पर आ गया है।
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