भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को पेश किए प्रदेश के बजट में सरकारी कर्मचारियों को कोराना संकट के समय रोके गए महंगाई भत्ते और वेतन वृद्धि को बहाल किए जाने का प्रावधान नहीं किए जाने से कर्मचारी संगठनों में गुस्सा नजर आ रहा है।
मप्र समग्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश दुबे ने मध्यप्रदेश के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कर्मचारी जगत को कम से कम रोकी गई वेतन वृद्धि और डीए बहाली की इस बजट में घोषणा किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन बजट रिपोर्ट देखकर काफी निराशा हाथ लगी है।
सुरेश दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि महामारी से लड़ने वाले योद्धाओं को तोहफा वार्षिक वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ता रोक कर दिया गया हो और राजनेताओं का इनकम टैक्स तक सरकारी खजाने से भरा गया हो।
यदि ऐसे ही हालात बरकरार रहे तो आने वाले दिनों में सभी कर्मचारियों को वेतन के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा। इसलिए अभी भी समय है कि सभी कर्मचारी संगठनों को इस मुद्दे पर एक होकर आवाज उठाना चाहिए।
दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना के नाम पर जिस प्रकार से सरकार ने आंदोलन-धरना-प्रदर्शन पर रोक लगाई है। इससे साफ जाहिर होता है कि सरकार कर्मचारियों के मुद्दे पर निरंकुश हो गई है।
कर्मचारियों को जुलाई 2020 का इंक्रीमेंट जुलाई 2021 के साथ देने की घोषणा भी बजट में होने की उम्मीद थी, जिसका प्रावधान बजट में ना किए जाने से सरकारी कर्मचारियों में नाराजगी सामने आ रही है।
बता दें कि प्रदेश के 10 लाख से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारियों को अभी 12 फीसदी डीए-डीआर मिल रहा है।