भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार 2 मार्च तो पेश किया गया मध्यप्रदेश का बजट शासकीय कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए घोर निराशाजनक रहा। यह कहा है मध्यप्रदेश मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष इंजी सुधीर नायक ने।
नायक के मुताबिक, कर्मचारियों को उम्मीद थी कि इस बजट में मंहगाई भत्ता और स्थगित वेतन-वृद्धि को रिलीज करने के संबंध में प्रावधान किया जायेगा, लेकिन शासन ने कर्मचारियों को निराश किया है।
केवल सातवें वेतनमान के शेष एरियर की 75% राशि रिलीज करने जैसी छोटी सी राहत दी गई है जो कि अपर्याप्त है जबकि बाजार में मांग बढ़ाने की दृष्टि से भी कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता वेतन-वृद्धि रिलीज करना आवश्यक था जिसका लाभ समाज के अन्य वर्गों को भी मिलता।
इस समय मध्यप्रदेश में कर्मचारियों का सबसे बुरा समय चल रहा है। चार वर्ष से पदोन्नतियां बंद हैं। मंहगाई भत्ता वेतन-वृद्धि भी बंद है। बाजार में मंहगाई अपने चरम पर है। पेट्रोल 100 रुपये लीटर हो चुका है।
बच्चों की शिक्षा, चिकित्सा, दैनंदिन उपयोग की वस्तुओं, अनाज, दाल, चावल, सब्जियों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में कर्मचारी वर्ग को अपना घर चलाना दूभर हो रहा है।
शासन सभी वर्गों को राहत देने के उपाय कर रहा है, लेकिन कर्मचारी वर्ग की उपेक्षा की जा रही है। प्रदेश के सभी अधिकारी कर्मचारी संगठन इस स्थिति के संबंध में सामूहिक रणनीति बनाने हेतु शीघ्र ही एक संयुक्त बैठक करने जा रहे हैं।