सोनू, मोनू, सूरज, मंगत सबकी मजदूरी दीपिका के नाम: MNREGA जॉब कार्ड में बॉलीवुड घोटाला


यह कहानी किसी एक परिवार की नहीं है। इस पंचायत में कई ऐसे परिवार हैं जिनके जॉब कार्ड पर अभिनेत्रियों की तस्‍वीरें लगी हैं। इन्‍हीं कार्डों पर इन्‍हें जून और जुलाई के काम का भुगतान हुआ है।


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बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की लोकप्रियता चरम पर है। सुशांत सिंह राजपूत के केस में चर्चित होने के बाद उनकी तस्‍वीर मध्‍यप्रदेश के गांव खेड़े तक पहुंच गयी है। लोकप्रियता का आलम ये है कि पंचायत के कर्मचारी मनरेगा जॉब कार्ड पर श्रमिकों की जगह उनकी फोटो चिपका दे रहे हैं।

यह घपला हुआ है देश के उस जिले में, जिसकी पंचायत को शत प्रतिशत मनरेगा मजदूरी भुगतान पर पहले स्‍थान पर रहने के लिए सम्‍मानित किया गया था। मामला खरगोन का है, लेकिन पुरस्‍कृत पंचायत झिरन्‍या का नहीं, पिपरखेड़ नाका का।

खरगोन जिले की पिपरखेड़ नाका पंचायत के रहने वाले 30 साल के सोनू शांतिलाल और उनकी पत्‍नी किरन आदिवासी समुदाय से आते हैं। महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना में तीन साल पहले 6 दिसंबर, 2017 को इनका पंजीकरण हुआ था। इन्‍हें मनरेगा का जॉब कार्ड जारी किया गया जिसकी संख्‍या है MP-24-009-053-001/344, जिसमें आखिरी संख्‍या 344 इनकी परिवार आइडी है।

 

जॉब कार्ड में बस एक छोटी सी दिक्‍कत है। उस पर चेहरा अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का लगा हुआ है। जॉब कार्ड पर तस्‍वीर तो गलती से किसी की भी चिपक सकती है, लेकिन भुगतान के विवरण को गौर से देखने पर समझ में आता है कि कोई घपला हुआ है।

दीपिका की फोटो वाली जॉब कार्ड के अनुसार सोनू और किरन दोनों ने 2018 में केवल छह-छह दिन मनरेगा का काम किया। इसके बाद 2019 में भी दोनों ने छह-छह दिन ही काम किया। ऐसा लगता है उनका घर केवल छह दिन काम करने से चल जाता है, लेकिन लॉकडाउन में यह संभव नहीं था।

मार्च में कोरोना महामारी के कारण लगाया गया लॉकडाउन संकट की घड़ी थी, तो काम ज्‍यादा किया। दोनों का जॉब कार्ड कहता है कि अब तक सोनू और किरन ने मनरेगा में 24-24 दिन काम किया है।

यह कहानी किसी एक परिवार की नहीं है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट कहती है कि इस पंचायत में कई ऐसे परिवार हैं जिनके जॉब कार्ड पर अभिनेत्रियों की तस्‍वीरें लगी हैं। इन्‍हीं कार्डों पर इन्‍हें जून और जुलाई के काम का भुगतान हुआ है।

दीपिका के अलावा दीया मिर्जा और जैकलिन फर्नांडीज़ की तस्‍वीरों वाले जॉब कार्ड भी बनाये गये हैं, लेकिन दीपिका की लोकप्रियता खास है। मोनू शिवशंकर से लेकर सूरज रुखडि़या और मंगत बाबूलाल तक सब के सब दीपिका की तस्‍वीर के सहारे मनरेगा में भुगतान उठा रहे हैं।

जिला पंचायत के सीईओ के संज्ञान में मामला आ चुका है। ऐसे करीब दर्जन भर मामले हैं जिनकी ख़बर उनको है। कुछ मामलों में तो भुगतान की गयी राशि भी निकाली जा चुकी है और मस्टररोल भी बाकायदा भरे गये हैं।

अधिकारियों के मुताबिक जांच जारी है।


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