बजट से निराश कर्मचारियों के तीख़े तेवर, मंत्रालय पर किया विरोध प्रदर्शन, आम सभा और रैली


प्रदेश सरकार के बजट को भले ही सभी के लिए लाभकारी बताने के दावे किये जा रहे हों लेकिन कर्मचारियों ने इसे लेकर निराशा जताई है। मंत्रालयीन कर्मचारियों के मुताबिक उन्हें महीने में दो सौ रुपये परिवहन भत्ता मिलता है और पेट्रोल के दाम सौ रुपये लीटर हैं…


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उनकी बात Updated On :

भोपाल। राज्य सरकार के द्वारा पेश किये गए बजट से कई कर्मचारी संगठन नाराज़गी जता चुके हैं। इनमें सरकार के सबसे करीब रहने वाले मंत्रालयीन कर्मचारी भी शामिल हैं। इन कर्मचारियों ने मंगलवार को ही बजट को लेकर निराशा जता दी थी जिसके बाद बुधवार को इन कर्मचारियों ने अपनी कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई और इसके बाद अपना विरोध जताया।

मंत्रालयीन कर्मचारियों का यह विरोध प्रदर्शन मंत्रालय के गेट नंबर एक पर दोपहर डेढ़ बजे से शुरू हुआ। यहां काफी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए। इन सभी ने नारेबाजी कर सरकार पर कर्मचारियों की उपेक्षा का आरोप लगाया। इस दौरान एक आमसभा का भी आयोजन किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने बढ़ती महंगाई पर चिंता जताई उन्होंने कहा कि मंहगाई तेजी से बढ़ रही है और पेट्रोल सौ रुपये लीटर हो गया है। गैस सिलेंडर की कीमत में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी हो चुकी है। यही हाल राशन का भी है। ऐसे में किसी भी मध्यमवर्गीय परिवार को घर चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए बजट में कोई राहत न दी जाना अन्यायपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के कर्मचारी बहुत शांत और गंभीर हैं। राज्य में पांच साल से पदोन्नति बंद हैं। हजारों कर्मचारी बिना पदोन्नति के रिटायर हो गए लेकिन कर्मचारी इसे भी शांतिपूर्वक सहते रहे।

उन्होंने कहा कि सरकार को ध्यान रखना चाहिये कि दूसरे प्रदेशों में ऐसी स्थिति होने पर हंगामा खड़ा हो जाता है। नायक ने कहा कि अब कर्मचारियों का सब्र जवाब देने लगा है। इसके बाद आमसभा में एकत्रित कर्मचारियों ने रैली निकाली।

इस सभा को संबोधित करने वालों में सुधीर नायक के अलावा, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार पटेल, वरिष्ठ कर्मचारी नेता अवध नारायण नामदेव, महामंत्री नरेश सोनी, आलोक वर्मा, मनोज बाथम, सलीम खान, डी एस मरकाम, यशवंत ढोणे, हरीश बाथम, सतीश शर्मा, हरिशरण द्विवेदी, ठाकुरदास प्रजापति, संतोष बड़ोदिया, रामबाई, मतीन खान, विक्रम बाथम, महासिंह मरावी, शफीक खान, आनंद बहादुर सिंह, अनिल मंडलोई, मनोहर छतवानी, प्रियंक श्रीवास्तव, नीरज मालवीय,  प्रियंका कनौजिया, चंदा मरावी आदि रहे। इस प्रदर्शन का संचालन आशीष सोनी ने किया।

यहां अन्य कर्मचारी संगठनों ने भी भागीदारी की। इनमें विजय मिश्रा, विजय सिंह रघुवंशी, साबिर खान,  दिवाकर तिवारी आदि उपस्थित रहे और कर्मचारियों के प्रति अपना सर्मथन जताया।

सभा में मौजूद बजट को लेकर कर्मचारियों में निराशा साफ़ नज़र आ रही थी। यहां कर्मचारियों ने बताया कि बजट वर्ष 2021-22 में कर्मचारियों के लंबित मंहगाई भत्ता और वेतन-वृद्धि जारी करने संबंधी प्रावधान न किए जाने से मंत्रालय सहित पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में निराशा है।

इन कर्मचारियों में सबसे ज्यादा निराशा  पिछले पांच साल से पदोन्नति बंद होने को लेकर है। वहीं  इसके अलावा ग्रेड पे उन्नयन, वेतन विसंगतियां, सातवें वेतनमान के तहत घर किराया भत्ता न मिलना, 100 लीटर पेट्रोल होने पर भी महीने भर का परिवहन भत्ता केवल दो सौ रुपये होने जैसी परिस्थितियों से कर्मचारी ख़ासे परेशान नज़र आए। इन कर्मचारियों ने राज्य सरकार से अपनी परेशानियों से गंभीरता से गौर करने की अपील की है।


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