अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आए आदिवासी


इन ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या है जर्जर और अब तक ना बनी हुई सड़कें।


अरूण सोलंकी
उनकी बात Published On :

महू। तहसील के दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में पक्की सड़क, पानी आदि समस्याओं से वर्षों से जूझ रहे हैं।

इन समस्याओं को लेकर बार बार मांग करने व ज्ञापन देने के बाद भी न तो शासन ध्यान दे रहा है और न ही जिम्मेदार विभाग।

इस रवैए के विरोध में आदिवासी अंचलों के सैकडों ग्रामीणों ने सोमवार को महू तहसील में प्रदर्शन किया।

इन आदिवासियों ने एक रैली निकालकर सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर तहसील कार्यालय पहुंच कर अपना विरोध दर्ज कराया। इस प्रदर्शन में कई कांग्रेसी नेता भी शामिल हुए।

प्रदर्शन करने आए यह ग्रामीण आदिवासी इंदौर जिले के सुदूर गांव कालाकुंड , बरखेड़ा गुंजारा ,भानभेड़ी, उतेडीया, लोघीया, धावड़िया, रेवती आदि से आए थे।

इस प्रदर्शन में छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष और कांग्रेसी नेता कैलाश दत्त पांडे, शहर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष विजय नौलखा भी मौजूद रहे।

इसके अलावा इनका साथ देने के लिए रेलवे से रिटायर हुए कई कर्मचारी भी मौजूद थे।

सबसे पहले कालाकुंड की पूर्व सरपंच चंपा मावी, शिव प्रसाद दुबे एवं कर्मचारी नेता राकेश दुबे ने गांधी प्रतिमा माल्यार्पण किया।

इसके बद रैली के रूप में एसडीएम कार्यालय पहुंचे । यहां पर एसडीएम के नाम 6 सूत्रीय मांगों वाला एक ज्ञापन तहसीलदार धीरेंद्र पाराशर को सौंपा।

आदिवासियों ने रेलवे स्टेशन पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया

इन ग्रामीणों की सबसे बड़ी समस्या है जर्जर और अब तक ना बनी हुई सड़कें। कालाकुंड और चोरल आदि क्षेत्रों में कई ऐसे इलाके हैं जहां अब तक कोई भी सड़क नहीं बनी है।

ऐसे में इन ग्रामीणों को आपातकाल में नजदीकी अस्पताल जाने के लिए या फिर कामकाज के लिए महू शहर तक आने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है।


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