मध्यप्रदेशः संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की चेतावनी, नहीं मानी गई मांगें तो करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल


मध्यप्रदेश सरकार से खफा संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने सोमवार को सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।


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भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार से खफा संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने सोमवार को सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की मांग में प्रमुख है- नौकरी से निकाले गए संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली हो, कार्यरत संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित किया जाए और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश के सहायक कर्मचारियों को आउटसोर्स पर नहीं दिया जाए।

मध्य प्रदेश संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ. सुनील यादव और प्रदेश संयोजक अमिताभ चौबे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इससे पहले संविदा स्वास्थ्कर्मी चरणबद्ध तरीके से विरोध दर्ज कराएंगे और सरकार द्वारा उनके पक्ष में कार्रवाई का इंतजार करेंगे।

इस तरह करेंगे चरणबद्ध आंदोलन –

  • 26 जनवरी 2021 को सभी जिला मुख्यालयों पर ध्वजारोहण के समय संविदा टोपी पहनकर उपस्थित होंगे। ड्यूटी के दौरान देश के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
  • 30 जनवरी 2021 को सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेंगे और सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध रैली निकालेंगे। रैली में थाली और ताली बजाकर विरोध दर्ज कराएंगे। जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।
  • 4 फरवरी 2021 को सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी ब्लॉक स्तर पर क्षेत्र के चुने हुए जनप्रतिनिधियों को मांगों से जुड़ा ज्ञापन सौंपेंगे।
  • 8 फरवरी 2021 को सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी राजधानी भोपाल में एकत्रित होंगे और नवनिर्मित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश के भवन के सामने विरोध दर्ज कराएंगे। अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ करेंगे।

बता दें कि प्रदेश में 19 हजार से अधिक संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं जो अलग-अलग संवर्ग में सेवाएं दे रहे हैं। ये पूर्व में भी नियमितीकरण करने की मांग को लेकर प्रदेश व्यापी आंदोलन कर चुके हैं।

उस समय सरकार ने संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को समकक्ष पदों के समान वेतन देने और नियमित सेवाओं में जगह देने के लिए नियम बनाए थे। इनका आरोप है कि 2018 में बनाए गए उक्त नियम का पालन नहीं किया जा रहा है, इसलिए सालों से संविदा पर काम करने वाले संविदा कर्मचारियों को उस नियम का लाभ अभी तक नहीं मिला है। ऊपर से एक के बाद एक संविदा कर्मचारियों को निकालने की प्रक्रिया जारी है।


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