बिजली कर्मचारियों पर आर्थिक संकट! नई संविदा पॉलिसी से छिन सकते हैं लाभ


बिजली संविदाकर्मियों पर आर्थिक संकट: मप्र विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ ने ऊर्जा मंत्री और मुख्य सचिव से हस्तक्षेप की मांग की


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उनकी बात Updated On :

मध्यप्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया है कि राज्य शासन द्वारा जारी संविदा पॉलिसी 2023 के लागू होने से बिजली संविदाकर्मियों को गंभीर आर्थिक नुकसान होने की संभावना है। संघ का कहना है कि राज्य शासन की नई नीति संविदाकर्मियों के आर्थिक अधिकारों को प्रभावित कर रही है, जिसके चलते सरकार के प्रति असंतोष बढ़ रहा है।

 

संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार द्विवेदी ने कहा कि बिजली संविदाकर्मी जोखिमपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं, जिसमें दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है।

 

संविदाकर्मियों के हितों की रक्षा के लिए पहले विभागीय संविदा पॉलिसी 2016 लागू की गई थी, जिसे 2018 में संशोधित कर संविदाकर्मियों को महंगाई भत्ता देने का प्रावधान किया गया था। परंतु, राज्य शासन की नई संविदा पॉलिसी 2023, जो सभी विभागों के लिए लागू की गई है, बिजली संविदाकर्मियों को आर्थिक लाभ से वंचित कर रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिरता पर असर पड़ रहा है।

 

यहां पढ़े: मध्यप्रदेश के बिजली कर्मचारियों के लिए संविदा नीति

 

द्विवेदी ने आरोप लगाया कि कुछ विभागीय अधिकारियों ने इस नई नीति का लाभ उठाकर संविदाकर्मियों को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है।

 

संघ ने ऊर्जा मंत्री और मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर नई संविदा पॉलिसी में आवश्यक सुधार करें। उनका कहना है कि विभागीय स्तर पर पॉलिसी में सुधार कर संविदाकर्मियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

 

संघ ने मांग की है कि पॉलिसी में ऐसे प्रावधान किए जाएं, जो संविदाकर्मियों के महंगाई भत्ते और वार्षिक वेतन वृद्धि को सुनिश्चित करें, जिससे उनका आर्थिक संरक्षण हो सके।

 


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