वैध नहीं होंगी प्रदेश की 6876 अवैध कॉलोनियां, प्रदेश सरकार ने हटाया नियम


मामले में मध्यप्रदेश कॉलोनाइजर नियम 1998 के नियम 15 (क) के खिलाफहाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस धारा को रद्द कर दिया। हालांकि सरकार अब कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए नए नियम बनाने पर विचार कर रही है जिसे विधान सभा में पास होने के बाद कानून के रूप में लागू किया जाएगा।



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प्रतीकात्मक चित्र, साभार


भोपाल। प्रदेश की अवैध कॉलोनी या फिलहाल वैध नहीं हो पाएंगी। राज्य शासन ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने यानी उनके नियमितीकरण का प्रस्ताव समाप्त कर दिया है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश की 6876 अवैध कॉलोनियां और उनमें रहने वाले 40 लाख लोग प्रभावित हो रहे हैं।

कॉलोनियों ने नियमितीकरण के प्रावधान पर पिछले साल हाईकोर्ट ने आपत्ति जताते हुए रोक लगा दी थी जिसके बाद अब नगरीय प्रशासन ने इस प्रावधान को खत्म करने का फैसला किया है। हालांकि सरकार अब कॉलोनियों के नियमितीकरण के लिए नए नियम बनाने पर विचार कर रही है जिसे विधान सभा में पास होने के बाद कानून के रूप में लागू किया जाएगा।

इस एक्ट के बाद ही अब अवैध कॉलोनियों के वैध होने की प्रक्रिया फिर शुरू हो सकेगी। इससे पहले कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान नियमितीकरण को लेकर सरकार ने अपनी कारवाई भी शुरू कर दी थी। इसके लिए प्रदेश भर की करीब 1800कॉलोनियों से विकास शुल्क भी लिया गया था।

सरकार ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्य प्रदेश नगर पालिका कॉलोनी रजिस्ट्रीकरण निबर्धन व शर्त नियम 1988 की धारा 15 को खत्म किया गया है।

इस नियम में तीन बार परिवर्तन भी लिए गए। पहले इस नियम के मुताबिक 30 जून 1998 तक की ही अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा सकता था।

इसके बाद में 30 जून 2002 तक बनी कॉलोनियों को भी इस धारा के तहत छूट दी गई। हालांकि इसके बाद 30 जून 2007, 21 दिसंबर 2012 और 31 दिसंबर 2016 तक बनाई गईं अवैध कॉलोनियों को वैध करने के रास्ते खोल दिए गए थे।

मामले में मध्यप्रदेश कॉलोनाइजर नियम 1998 के नियम 15 (क) के खिलाफहाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिसके बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस धारा को रद्द कर दिया। इसके साथ ही अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश भी दिए गए थे।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार ने नगरी निकाय चुनावों को देखते हुए इन कॉलोनियों को वैध करने का फैसला किया था। इससे संबंधित मध्य प्रदेश
इससे संबंधित मध्य प्रदेश नगर निगम नगर पालिका नगर परिषद एवं निर्माण नियमितीकरण अधिनियम 2019 का ड्राफ्ट तैयार किया गया था।

आंध्र प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों ने भी इसी तरकीब से अवैध कॉलोनियों को वैध करने का रास्ता खोला था। आंध्र प्रदेश में अवैध कॉलोनियों से विकास शुल्क लेकर उन्हें नियमित किया गया था और एक मुश्त समझौते का नियम बनाया गया था। अगर मध्य प्रदेश में यह कॉलोनी वैध हो जाती हैं तो यहां सड़क बिजली पानी आदि की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।


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