सोयाबीन की कीमत पर मध्य प्रदेश में किसानों का संघर्ष, आंदोलन रुकने के आसार नहीं

मध्य प्रदेश के किसान सोयाबीन के लिए ₹6000 प्रति क्विंटल की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं, जबकि सरकार ने MSP पर खरीदी की मंजूरी दी है। किसान मौजूदा MSP को नाकाफी मानते हुए उच्च कीमत की मांग कर रहे हैं।

जैसा कि अंदेशा जताया जा रहा था मध्य प्रदेश में सोयाबीन की सरकारी खरीदी की घोषणा के बावजूद किसानों का असंतोष थमना मुश्किल दिखाई दे रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार सुबह ही इस मामले पर हामी भरते हुए कहा कि केंद्र ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी। हालांकि, किसानों का कहना है कि यह कदम उनके लिए पर्याप्त नहीं है।

 

संयुक्त किसान मोर्चा मध्य प्रदेश के नेतृत्व में प्रदेशभर के किसान लगातार अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे हैं। मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि उनकी मुख्य मांग सोयाबीन का भाव ₹6000 प्रति क्विंटल होना चाहिए, जबकि मौजूदा MSP ₹4892 प्रति क्विंटल पर खरीदी से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।

 

पिछले कुछ हफ्तों में राज्य भर में किसानों ने गांव-गांव जाकर ज्ञापन सौंपे, जिसके बाद 50 तहसीलों में ट्रैक्टर रैली निकाली गई। इसके दबाव में राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा, जो अब मंजूर हो चुका है। बावजूद इसके, किसान आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार को न्यूनतम ₹6000 प्रति क्विंटल पर खरीदी सुनिश्चित करनी होगी।

 

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि तेलंगाना, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी पहले ही MSP पर सोयाबीन खरीदी के आदेश दिए जा चुके हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के किसानों के लिए कोई अतिरिक्त कदम नहीं उठाया गया है।

 

13 सितंबर को हरदा में एक बड़ी किसान रैली का आयोजन होगा, जिसमें प्रदेशभर के किसान नेता एकत्रित होकर सरकार पर दबाव बनाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के मीडिया प्रभारी रंजीत किसानवंशी ने कहा कि सरकार को अब यह तय करना होगा कि वह किसानों की मांग पर क्या कदम उठाएगी, अन्यथा आंदोलन जारी रहेगा।

 

First Published on: September 11, 2024 3:20 PM