लखीमपुर हिंसाः मांगें नहीं मानने तक मृत किसानों का नहीं होगा अंतिम संस्कार, प्रियंका गांधी भी गिरफ्तार


इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को भी रोका गया और गिरफ्तार कर लिया गया। प्रियंका ने अपनी गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध किया। 


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उनकी बात Published On :

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में बीजेपी सरकार में मंत्री के बेटे द्वारा किसानों को गाड़ी से रौंदने की घटना को लेकर किसान नेता रात ही लखीमपुर खीरी पहुंच गए। किसान नेता राकेश टिकैट को रास्ते में रोकने की भी कोशिश की गई लेकिन किसानों का काफिला पुलिस बैरिकेड्स हटाकर आगे बढ़ गया।

इसके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को भी रोका गया और गिरफ्तार कर लिया गया। प्रियंका ने अपनी गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध किया।

लखीमपुर की घटना में अब तक कुल 8 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें चार किसानों और चार अन्य लोगों की मौत हुई है। जिन्हें भाजपा कार्यकर्ता बताया जा रहा है। इस घटना के बाद से ही लखीमपुर के आस-पास के गावों का माहौल भी तनावपूर्ण बना हुआ है।

रात भर किसानों के लखीमपुर आने का सिलसिला जारी रहा। इस घटना के बाद से ही किसानों का गुस्सा भड़का हुआ है। लखीमपुर के आस-पास के गावों के किसान रात भर सड़कोंं पर बैठे रहे और किसानों को रौंदने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग करते रहे।  इस इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।

किसान नेताओं की मांग है कि घटना में मृत किसानों के परिवारों को एक-एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और किसानों के आरोपों के अनुसार घटना में शामिल मंत्री के आरोपी बेटे के खिलाफ 302 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए। किसानों के मुताबिक  जब तक सभी मांगें नहीं मानी जाती तब तक मृत किसानों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

वहीं विपक्षी नेताओं के लखीमुर पहुंचने की भी खबरें आ रहीं हैं। राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “किसान का खून बहाया गया है! कल लखीमपुर खीरी पहुंचूंगा।”

इससे पहले रात को ही प्रियका गांधी वाड्रा और राज्यसभा सासंद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी लखीमपुर खीरी के लिए रात ही रवाना हुए। जिसके बाद इन नेताओं को लखीमपुर जान से रोका गया और सीतापुर के पुलिस गेस्ट हाउस में हिरास्त में रखा गया।

इस दौरान प्रियंका गांधी का पुलिसकर्मियों और वहां मौजूद अधिकारियों से खासा विवाद हुआ। प्रियंका कहते नजर आईं कि पुलिस के पास उनकी गिरफ्तारी का कोई  वारंट नहीं है और बिना वारंट के उन्हें ले जाने पर वे पुलिसकर्मियों पर अपहरण का मामला दर्ज कराएंगी।

 

 

 


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