किसान संसद शुक्रवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी: SKM


एमएसपी पर बहस खत्म होने के बाद शुक्रवार को किसान संसद किसान विरोधी नीतियों को लेकर मौजूदा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।


DeshGaon
उनकी बात Updated On :

ऐतिहासिक किसान संसद ने आज 10वें दिन भी विचार-विमर्श जारी रखा। तीन काले कानूनों के खिलाफ, साथ ही वायु प्रदूषण और विद्युत अधिनियम पर प्रस्तावित विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के बाद, किसान संसद ने अपना ध्यान किसानों की मांगों, अर्थात सभी किसानों और सभी कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, की ओर केंद्रित किया। इसके लिए, आज किसान संसद में एक विधेयक पेश किया गया जो पांच उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहता है: i) लागत अनुमानों में सुधार, ii) यह सुनिश्चित करना कि एमएसपी फार्मूला उत्पादन की C2 लागत से कम से कम 50% ऊपर तय हो, iii) सरकार द्वारा 50% खरीद की गारंटी के साथ इसका संचालन, iv) सरकार द्वारा बेहतर बाजार हस्तक्षेप और v) यह सुनिश्चित करना कि व्यापारियों को किसानों को कम से कम एमएसपी का भुगतान करना आवश्यक हो।

 

बहस के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने इस विधेयक का समर्थन किया और स्वामीनाथन आयोग की कई अन्य सिफारिशों पर प्रकाश डाला, जिसमें कृषि भूमि को संरक्षित किया जाना और फसल बीमा को प्रभावी बनाना शामिल है।

किसानों ने यह भी मांग की कि किसानों के परिवार के श्रम को सकुशल मज़दूरी माना जाए, और एमएसपी की गणना करते समय उस मजदूरी दरों को लागू किया जाए। विभिन्न वक्ताओं ने किसानों को लाभकारी या लागत मूल्य मुहैया करने में मौजूदा प्रणाली की विफलता पर प्रकाश डाला।

हाल ही में बलात्कार और हत्या की शिकार 9 वर्षीय दलित लड़की की स्मृति में 2 मिनट का मौन रखकर आज की कार्यवाही समाप्त हुई।

बहस कल भी जारी रहेगी, जब कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के सदन के अतिथि के रूप में संसद में भाग लेने की संभावना है। आज की कार्यवाही में एपी फार्मर्स एसोसिएशन कोआर्डिनेशन कमिटी के बैनर तले किसान संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।

एमएसपी पर बहस खत्म होने के बाद शुक्रवार को किसान संसद किसान विरोधी नीतियों को लेकर मौजूदा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। भारत छोड़ो दिवस के अवसर पर सोमवार को अखिल महिला संसद में प्रस्ताव पर मतदान होगा।

इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा की आम सभा ने आने वाले 15 अगस्त को पूरे देश में किसान मजदूर आजादी संग्राम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। किसान एवं मज़दूर प्रखंड, तहसील, जिला मुख्यालय या अपने नजदीकी किसान मोर्चा या धरने तक तिरंगा मार्च निकालेंगे। ये मार्च साइकिल, बाइक, ठेले, ट्रैक्टर आदि पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ निकाला जाएगा।

अपने पहले के फैसले की पुष्टि करते हुए, एसकेएम ने घोषणा की कि 15 अगस्त तक कहीं भी आधिकारिक ध्वजारोहण समारोह या राष्ट्रीय ध्वज के साथ किसी भी मार्च का किसान विरोध नहीं करेंगे। अन्य सभी राजनीतिक और सरकारी गतिविधियों के लिए भाजपा और उसके सहयोगियों के नेताओं का बहिष्कार करने का पूर्व का निर्णय जारी रहेगा।


Related





Exit mobile version