MP बजट किसानों के लिए खाली लिफाफा, लोगों के जीवन को बनाएगा कठिनः डॉ. सुनीलम


– डॉ. सुनीलम ने बताया बजट को किसानों के लिए खाली लिफाफा, आम नागरिक के जीवन को बनाएगा कठिन।
– गेहूं के सम्पूर्ण उत्पादन के समर्थन मूल्य पर खरीद तक का इंतजाम नहीं, बजट में महंगाई व बेरोजगारी पर रोक लगाने का कोई प्रयास नहीं।
– सभी गांवों में नल जल योजना 2023 तक पहुंचाने का झूठा सपना दिखा रही है सरकार।


Manish Kumar
उनकी बात Published On :
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इंदौर। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष व पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पेश बजट को किसानों के लिए खाली लिफाफा और आम नागरिक के जीवन को कठिन बनाने वाला बताया है।

उन्होंने कहा कि आज पेश किए गए बजट में किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी तथा सभी कृषि उत्पादों की लाभकारी मूल्य पर खरीद की गारंटी का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

डॉ सुनीलम ने कहा कि सरकार को कम से कम जिन 23 कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य की घोषणा सरकार द्वारा की जाती है उनकी मंडियों में सम्पूर्ण खरीद हेतु बजट का आवंटन करना था लेकिन सरकार ने बजट में कोई इंतजाम नहीं किया है।

इसके परिणामस्वरूप यह तय हो गया है कि मध्यप्रदेश के किसानों का पूरा गेहूं भी समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदा जाएगा तथा किसान व्यापारियों के हाथों लूटने को मजबूर होंगे।

उन्होंने कहा कि दो लाख रुपये के कर्ज माफी को लेकर कांग्रेस ने जो वादा किया था उसमें जो राशि बकाया थी उसकी माफी का प्रावधान करने की उम्मीद भाजपा सरकार से थी क्योंकि जो किसान पैसा जमा नहीं कर पाए इसमें उनकी कोई गलती नहीं थी।

सरकार को अपनी ओर से कर्ज माफी करनी चाहिए थी या कम से कम कर्ज नहीं चुका पाने पर भी नए कर्ज देने का प्रावधान करना चाहिए था।

उन्होंने आगे कहा कि महंगाई को रोकने के लिए यह जरूरी था कि डीजल-पेट्रोल के दामों पर मध्यप्रदेश में लगाए गए टैक्सों में कमी की जाए, लेकिन सरकार ने वह भी नहीं किया है।

बेरोजगारी मध्यप्रदेश के युवाओं की सबसे बड़ी समस्या है, लेकिन बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करने के लिए न कोई योजना पेश की गई है और न ही बेरोजगारों को भत्ता देने का कोई प्रावधान किया गया है।

मध्यप्रदेश के किसान लंबे समय से भावांतर की बची राशि तथा राजस्व के मुआवजे की बकाया राशि के भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन उसके लिए भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। कुल मिलाकर मध्यप्रदेश के किसानों के लिए बजट ऊंट के मुंह में जीरे के समान है, जिससे सरकार की किसान विरोधी नीति स्पष्ट हो गई है।

सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य की सेवाएं प्रदेश के सभी नागरिकों को सुनिश्चित करने के लिए भी बजट का प्रावधान नहीं किया है। साफ पीने का पानी भाजपा सरकार 15 सालों में उपलब्ध नहीं करा सकी है। अभी भी संपूर्ण प्रदेश के सभी गांवों में नल जल योजना 2023 तक पहुंचाने का झूठा सपना दिखा रही है।


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