किसान आंदोलन में शहीद किसानों व बाबा राम सिंह को एक लाख से ज्यादा गांवों में दी गई श्रद्धांजलि


किसान आंदोलन में शहीद हुए 38 से ज्यादा किसान नेताओं और संत बाबा राम सिंह को देशभर के एक लाख से ज्यादा गांवों कस्बों में दी गई श्रद्धांजलि। इंदौर में भी गांधी प्रतिमा पर हुआ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन, विभिन्न जन संगठनों, ट्रेड यूनियनों तथा किसान संगठनों ने दी श्रद्धांजलि।


अरूण सोलंकी
उनकी बात Published On :
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इंदौर। किसानों के आंदोलन मे भागीदारी करते हुए 38 से ज्यादा किसानों और कार्यकर्ताओं की मौत हो चुकी है। आंदोलन जारी रहने के सात ही किसानों के शहीद होने का यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।

वहीं, सरकार की नीति और नीयत को देखते हुए हरियाणा के सिख संत राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों का विरोध किया है। इन सब शहीद किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए रविवार की शाम इंदौर के रीगल तिराहे पर गांधी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि सभा हुई।

श्रद्धांजलि सभा में किसान संघर्ष समिति, किसान खेत मजदूर संगठन, अखिल भारतीय किसान सभा, एटक, सीटू, एचएमएस, अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन, महिला फेडरेशन, बैंक और बीमा कर्मी संगठन सहित विभिन्न किसान संगठनों और मजदूर संगठनों के नेताओं ने हिस्सेदारी की।

गौरतलब है कि 20 दिसंबर को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा ने देश भर में शहीद हुए किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने का आह्वान किया था।

इसके तहत ही देशभर के एक लाख से ज्यादा गांवों-कस्बों और जिलों में श्रद्धांजलि सभा के आयोजन हुए। इसी के तहत इंदौर में भी आयोजन किया गया था।

– किसान आंदोलन में शहीद हुए 38 से ज्यादा किसान नेताओं और संत बाबा राम सिंह को देशभर के एक लाख से ज्यादा गांवों कस्बों में दी गई श्रद्धांजलि।

– इंदौर में भी गांधी प्रतिमा पर हुआ श्रद्धांजलि सभा का आयोजन, विभिन्न जन संगठनों, ट्रेड यूनियनों तथा किसान संगठनों ने दी श्रद्धांजलि।

– मध्यप्रदेश में भी किसान आंदोलन तेज करने का लिया संकल्प।

श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार अपने हट पर अड़ी हुई है और देश के लाखों-लाख किसान जो 25 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं उनकी बात को अनसुनी करते हुए झूठ का सहारा ले रही है।

प्रधानमंत्री से लेकर कृषि मंत्री तक केवल झूठ बोलकर इस आंदोलन को गलत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री का कहना है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर दी गई है।

यदि ऐसा है तो फिर क्यों नहीं किसानों को लागत से जुड़े दाम मिल रहे हैं। आज भी समर्थन मूल्य के नीचे मंडियों में अनाज और अन्य उत्पादन बिक रही है। यह साबित करता है कि प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री दोनों झूठ का सहारा ले रहे हैं।

श्रद्धांजलि सभा में कैलाश लिंबोदिया, रामस्वरूप मंत्री,अरविंद पोरवाल, रूद्र पाल यादव प्रमोद नामदेव, विनित तिवारी, अजीत केतकर, सारिका श्रीवास्तव, अर्शी खान, एसके दुबे,राजेंद्र अटल, राजेश यादव, छेदी लाल यादव सहित विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखते हुए सभी शहीद किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा कहा कि इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और इस झूठी सरकार को काले कानून वापस लेना ही होंगे।

श्रद्धांजलि सभा में भरत सिंह यादव, रुद्रपाल यादव, कैलाश लिम्बोदिया, एसके दुबे, अरुण चौहान, रामस्वरूप मंत्री, शफी शेख ,अकबर अहमद, रजनीश जैन, छेदीलाल यादव, सुशीला यादव, योगेंद्र महावार,अर्शी खान, अजय लागू, कैलाश गोठानिया, सीएल सहरावत सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। सभा के बाद सभी उपस्थित लोगों ने शहीद किसानों की तस्वीरों के समक्ष मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।


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