किसान नेता सुनीलम की अपील, 8 दिसंबर के बाद करें दिल्ली कूच


आप सबसे अनुरोध है, दिल्ली का कार्यक्रम 8 दिसंबर के बाद ही बनाइए। तब तक सर्वोच्च न्यायालय का रुख भी स्पष्ट हो जाएगा। भारत बंद भी हो चुका होगा।


DeshGaon
उनकी बात Updated On :
File Photo


कृषि कानूनों के खिलाफ 8 दिसंबर को भारत का आह्वान किया गया है और इस बंद को 14 से अधिक राजनीतिक दलों , सभी किसान यूनियनों और तमाम लेखक एवं जनवादी संगठनों का समर्थन मिला है। जिसे ध्यान में रखते हुए किसान नेता सुनीलम ने एक अपील जारी किया है। पढ़िए: 


देश भर के जो भी किसान और समर्थक साथी,

दिल्ली में 11 दिन से लाखों किसानों दिल्ली सीमा पर अनिश्चित कालीन धरना देकर सरकार से 3 किसान विरोधी कानून रद्द करने ,बिजली बिल वापस लेने और सभी कृषि उत्पादों की एम एस पी पर खरीद सुनिश्चत करने की मांग कर रहे हैं।उनके समर्थन में जो साथी दिल्ली आना चाहते हैं। उनसे अनुरोध है कि वे इस पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए कब ,कितनी संख्या में आना चाहते हैं। बतला दें अपना फोन नंबर दे दें। आपको फोन पर स्थान बतला दिया जाएगा। वहां आपके रुकने और लंगर की व्यवस्था होगी। दिल्ली में जहां जहां धरने चल रहे हैं उसकी पूरी सूचना भी आपको दे दी जाएगी। ताकि आप सभी धरना स्थलों पर जाकर एकजुटता जाहिर कर सकें।

आप जानते ही हैं कि केंद्र सरकार के साथ 5 मीटिंग बेनतीजा रही हैं। फिर 9 को फिर बैठक है।

खुशी की बात यह है सभी संगठन कानूनों को रद्द करने से कम पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है। आंदोलन में 250 अखिल भारतीय किसान सँघर्ष समन्वय समिति के संगठन संयुक्त मोर्चा के सेकड़ों संगठन ,पंजाब के 30 संगठन और भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत जी के साथ जुड़े संगठनों ने मिलकर यह काल दी है।

आप सबसे अनुरोध है, दिल्ली का कार्यक्रम 8 दिसंबर के बाद ही बनाइए। तब तक सर्वोच्च न्यायालय का रुख भी स्पष्ट हो जाएगा। भारत बंद भी हो चुका होगा।

कृपा कर आज ही अपने राज्य और जिलों में ज़ूम मीटिंग या संभव हो तो सशरीर मिलकर भारत बंद को सफल बनाने की योजना बनाइए। बैठक की रिपोर्ट हमे भेजिये।

स्थानीय व्यापार संघों ,ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ,ट्रेड यूनियन,जन संगठनों और नागरिक संगठनों और जिले के गणमान्य व्यक्तियों,समविचार के राजनीतिक दलों( जो सीधे सीधे कानूनों को रद्द करने की सार्वजिक मांग कर रहे हों।) से भी बातचीत कर उन्हें आंदोलन के लिए आमंत्रित करें।
संभव हो तो ताकत से भारत बन्द कराइये। संभव न हों रैली निकालिए। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दीजिये। धरना दीजिये ,सभा कीजिये ,प्रेस कांफ्रेंस कीजिये । यह भी संभव ने हो तो गांव गांव में मोदी – अडानी – अम्बानी की केंद्र सरकार का पुतला दहन कीजिये।भारत बंद के समर्थन में नागरिकों से प्रेस अपील जारी जरूर करें।और गांव में मुनादी शहर में माइक से प्रचार प्रसार कीजिये।

सरकार और गोदी मीडिया वर्तमान आंदोलन को पंजाब का आन्दोलन साबित करने का षडयंत्र कर रही हैं। लेकिन यह राष्ट्र व्यापी आंदोलन है जो देश के किसानों और मज़दूरों के जीवन में तब्दीली लाएगा। एक तानाशाह को लोकतंत्र और संविधान का सबक सिखायगा। इसलिए 8 तारीख के भारत बंद में पूरी ताकत लगाइए।

किसान – मज़दूर एकता जिन्दाबाद !

डॉ सुनीलम
9425109770
सदस्य ,वर्किंग ग्रुप
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति



 


Related





Exit mobile version