नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज 18 वां दिन है सर्द मौसम और तमाम अन्य दिक्कतों के बाद भी सिंघु और टीकरी समेत अन्य जगहों पर प्रदर्शन अब भी जारी है। अपने आंदोलन को तेज करते हुए संयुक्त किसान आंदोलन के नेता कमल प्रीत सिंह पन्नू ने सिंघु बॉर्डर पर 14 दिसंबर को भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा की है। किसान नेता गुरनाम सिंह चिडोनी ने कहा कि किसान कल सुबह 8 से शाम 5 बजे तक एक दिवसीय अनशन पर रहेंगे। धरना सभी जिला मुख्यालयों पर भी आयोजित किए जाएंगे। किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि हमारा रुख साफ है। हम तीनों को कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते हैं। सभी किसान नेता साथ हैं।
Farmers will be on one-day hunger strike from 8 am to 5 pm tomorrow. Dharnas will be held at all district headquarters: Farmer leader Gurnaam Singh Chidoni at Singhu border#FarmersProtest pic.twitter.com/l4xID2Rlj2
— ANI (@ANI) December 13, 2020
किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा कि , मत साफ़ है , तीनों कृषि कानून वापस लेने होंगे। इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे सभी किसान यूनियन एकजुट हैं।
Our stand is clear, we want the three farm laws to be repealed. All farmer unions participating in this movement are together: Farmer leader Shiv Kumar Kakka at Singhu border pic.twitter.com/wTty587ep0
— ANI (@ANI) December 13, 2020
वहीं, सिंधु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें नजर रखने की जरूरत है ताकि कोई गलत तत्व हमारे बीच न हों। हमारे सभी युवाओं को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर सरकार बात करना चाहती है तो हम एक समिति गठित करेंगे और आगे का निर्णय लेंगे।
We need to keep an eye so that no wrong elements are among us. All our youngsters need to remain vigilant. If govt wants to talk then we will set a committee and take further decision: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union at Singhu border. #FarmersProtest pic.twitter.com/bKkIoDeNze
— ANI (@ANI) December 13, 2020
वहीं जामिया मिलिया के कुछ छात्रों के गाजीपुर बॉर्डर पहुँचने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि, कुछ छात्र यहां आये थे जिन्हें कहा गया कि यह सिर्फ किसानों का आंदोलन है, जिसके बाद वे वहां से चले गये।
Few students had come there to extend support to farmers but they were clearly told that this was only a farmers protest. The students left soon after: Farmer leader Rakesh Tikait on Jamia Millia Islamia students who reached Ghazipur border to support farmers pic.twitter.com/iOBS5eAiQu
— ANI (@ANI) December 13, 2020
वीएम सिंह के बयान से एआइकेएससीसी ने किया किनारा
किसान नेताओं ने जारी बयान में कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का राष्ट्रीय कार्य समूह वीएम सिंह के मीडिया में दिए गए एक बयान से खुद को अलग करता है। बयान न तो एआईकेएससीसी द्वारा अधिकृत था और न ही इसने वर्किंग ग्रुप के निर्णय लेने के प्रोटोकॉल का पालन किया था। एआइकेएससीसी के वर्किंग ग्रुप ने अपनी बात दोहराई कि वह किसानों की मांग के साथ है और वह न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी चाहता है।
The Working Group of AIKSCC reiterates that it firmly stands with the demands of the farmer organisations agitating in unison for the repeal of 3 anti-farmer acts and legal guarantee of Minimum Support Price: Statement https://t.co/JoYEnBd258
— ANI (@ANI) December 13, 2020