कड़ाके की ठंड झेलने के बाद आंदोलनकारी किसान अब गर्मियों के मौसम को देखते हुए तैयारी कर रहे हैं। दिल्ली की सरहदों पर चल रहे आंदोलन स्थल पर अब शामियानों में पंखे लगवाना शुरू कर दिए हैं।
इसके साथ ही टेंट की ऊंचाई बढ़ाकर उसके अंदर एक और टेंट लगा रहे हैं ताकि गर्मी से बच सकें। इसके साथ ही धरनास्थलों पर AC लगी ट्रॉलियां भी नजर आ रही हैं। किसान नेता राकेश टिकैत कह चुके हैं कि आंदोलन कम से कम अक्टूबर तक चलेगा।
‘हम देशभर में मार्च निकालेंगे। गुजरात जाकर इसे आजाद करवाएंगे। यह केंद्र के कंट्रोल में है। भारत आजाद है, लेकिन गुजरात के लोग कैद में हैं। अगर वे आंदोलन में शामिल होना चाहें, तो जेल हो जाती है।’
टिकैत के मुताबिक वे कृषि कानूनों की वापसी से कम पर तैयारी नहीं हैं और अपना मंच और पंच दोनों ही नहीं बदलेंगे। इस दौरान सिंघु बॉर्डर हमारा ऑफिस बना रहेगा। टिकैत ने कहा कि अगर सरकार अब या दस दिन या एक साल बाद भी बात करना चाहे तो भी वे तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली में कीलें उखाड़े बिना यहां से लौटेंगे नहीं।
टिकैत ने यहां राहुल गांधी के उस बयान से भी सहमति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर तंज़ कसा था। राहुल ने कहा था कि देश को कुल चार लोग चला रहे हैं, हम दो हमारे दो… ।