पर्याप्त बारिश नहीं हुई लेकिन कर दी बोवनी, अब किसान ताक रहे आसमान की ओर

आशीष यादव
उनकी बात Published On :
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धार। मानसून की देरी के कारण किसान आसमान की ओर ताक रहे हैं वहीं हर शाम बारिश जैसा मौसम होता है लेकिन मौसम में परिवर्तन हो जाता है जिससे किसानों की सांसे ऊपर नीचे होने लगी हैं।

ऐसा इसलिए किसान क्योंकि हजारों रुपये का बीज-खाद खेतों में डालकर आसमान की ओर ताक लगाए बैठा है कि कब बारिश होगी। मानसून ऐसा रुठा है कि जून माह भी खत्म होने को है और पर्याप्त बारिश की आस में किसान अभी भी बैठे हैं कि कब झमाझम बारिश होगी।

कई किसानों ने खेतों में सोयाबीन की बोवनी कर दी थी और खेतों में मौजूद नमी के कारण वे उगकर खेतों में बाहर आने लगीं हैं लेकिन अगर बारिश नहीं हुई तो धूप-गर्मी व तेज हवा की वजह से फसलें बेजान और मुरझाने लगेंगी।

किसान पिछले कई सालों से प्राकृतिक प्रकोप की मार सहन कर रहा है। इस बार मानसून की बेरुखी से अब किसान की हालत और दयनीय हो जाएगी। एक तरफ पहले ही किसान फसलों के भाव नहीं मिलने से परेशान है और दूसरी तरफ बारिश नहीं होने से अन्नदाता की चिंता बढ़ गई है।

लगभग सभी जगह अंकुरित हो चुकी बोई गई सोयाबीन पर सप्ताहभर से थम चुकी बारिश के कारण संकट मंडराने लगा है। हालात यह है कि अब किसान रबी की फसल का महंगा बीज बोकर बारिश के इतंजार में रुके किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि यदि आगामी दिनों में सोयाबीन सहित अन्य उपज को पानी नहीं मिल पाया तो वह खराब हो जाएगी और किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।

दिन का तापमान बढ़ा है –

मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मौसम में बहुत बदलाव आ रहे हैं। दिन में तेज गर्मी हो रही है। आगामी दो-तीन दिन यथावत ही मौसम रहेगा। वहीं 1 जुलाई से मौसम में थोड़ा बदलाव आएगा। प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवा, आंधी और गरज-चमक की स्थिति बनेगी।

फिलहाल तापमान के बदलाव की भी कोई गुंजाइश नहीं है। ऐसे में अभी मौसम शुष्क ही रहेगा। भोपाल मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि फिलहाल मौसम में बदलाव की कोई गुंजाइश नहीं है।

मानसून की रफ्तार थमने से गर्मी न केवल तीखा असर दिखा रही है, बल्कि जनजीवन को बेहाल कर रही है। ऐसे में अब जनमानस को मानसून का इंतजार है। उमस भरी गर्मी से लोगों को बेहाल कर दिया और कूलर-पंखे भी बेअसर नजर आए।

मौसम विभाग ने अब सिस्टम सक्रिय होने और एक से तीन दिन में अच्छी बारिश के आसार बताए हैं। मौसम पूरी तरह गर्म रह रहा है और सुबह से गर्मी तेज हो रही है।

हालांकि सुबह के समय आसमान पर बादल छाए हुए थे लेकिन बारिश नही हुई, लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ा तेज धूप से गर्मी व उमस बढ़ने लगी। यही वजह रही कि दिन भर उमस वाली गर्मी का असर तेज रहा व रात में भी उमस बढ़ने से लोगों की नींद हराम हो गई। सोमवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रहा।

लगभग 45 प्रतिशत हो गई बोवनी –

खरीफ सीजन का लक्ष्य 2 लाख 72 हजार हेक्टेयर निर्धारित है। इस सीजन में शुरुआत में ही अच्छी बारिश होने और फिर मौसम साफ होने से खेत सूख गए हैं, जिससे किसानों ने बोवनी कर दी।

वह खेतो में फसलों को देख आसमान की ओर आस लगा रहे हैं कि बारिश कब होगी वही किसान दिन-रात एक कर बोवनी के कार्य किया, क्योंकि मौसम विभाग द्वारा कुछ दिनों बाद बारिश की संभावना जताई जा रही थी।

जानकारी के अनुसार कई जगह कम तो कई जगह ज्यादा बारिश हुई। उसको देखते हुए किसानों ने बोवनी कर दी और अब तक 45 फीसदी क्षेत्र में बोवनी हो चुकी है।

किसान नारायण डोडिया ने बताया कि बोवनी समय पर हो इसलिए दिन-रात खेतों में ट्रैक्टर चलाया था लेकिन क्या पता था कि मानसून रुठ जाएगा।

जून माह बीतने को लेकिन बारिश एक बूंद नहीं –

जून माह बीतने को है लेकिन अब तक झमाझम वर्षा का दौर नहीं चल पाया है। इसके चलते बोवनी का कार्य प्रभावित हो रहा है। आधे जगह बोवनी हो चूकी है जबकि आधी जगह खेत खाली नजर आ रहे हैं।

जिन किसानों ने खेतों में बीज डाल दिया और जिन किसानों ने बोवनी नहीं की, सभी आसमान की ओर नजरें गड़ाए बैठे हैं क्योंकि वर्षा की इस खेंच से खेत खाली पड़े हैं, जबकि इन दिनों तक शत प्रतिशत बोवनी का कार्य तेजी से चल पड़ता है।

कई किसानों के यहां तो बोवनी हो भी जाती। इस बार जहां एक तरफ जलसोत सूखे पड़े हैं, वहीं दूसरी ओर किसान बोवनी के लिए आसमान की ओर टकटकी लगाकर बारिश का इंतजार कर रहे हैं।

विकासखंड में इन दिनों आसमान पर बादल छाए रहते हैं। शाम के समय बादल घने भी हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि मानो अब बादल बरस पड़ेंगे, लेकिन बूंदाबांदी का दौर भी नहीं चल रहा है और फिर से मौसम खुल जाता है। दिन में गर्मी व उमस भरा माहौल रहता है। बीते कुछ दिनों से लगातार इस तरह का माहौल बन रहा है।

अब ये बन रही मौसम की स्थिति –

मौसम विभाग के अनुसार अभी राजस्थान के ऊपर चक्रवाती घेरा बन रहा है। वहीं विदर्भ व छत्तीसगढ़ के पास भी चक्रवाती घेरा तैयार हो रहा है। यह एक-दो दिन में और मजबूत होगा जिससे नमी वाली हवाएं तेजी से आएंगी व पूर्व-पश्चिम टर्फ लाइन भी मजबूत हो रही है।

टर्फ लाइन बंगाल की खाड़ी तक पहुंच चुकी है, यह बंगाल की खाड़ी में सक्रियता तेज होने का इंडिकेशन है। इससे मानसून को ताकत मिलेगी। ऐसे में जिले में भी 1 से 2 जुलाई तक मानसून आने की संभावना है।

बारिश के इंतजार में हम –

बारिश होने पर ही बोवनी करेंगे। पानी नहीं गिरने से हम किसान एक बार फिर चिंतित होने लगे हैं। अब खेती कैसे होगी। न खेती करते बन रही है न छोड़ते बन रही है। बोवनी वालों की स्थिति खराब है मगर खेत में बराबर नमी न होने के कारण नुकसान की संभावना बनी है। वर्षा होने पर ही बोवनी करेंगे। – जगदीश डोडिया, किसान

बोवनी लायक नहीं गिरा पानी –

बोवनी करने के लिए जितना पानी चाहिए उतना अभी नहीं गिरा है। खेतों में पानी सूख जाने के कारण पानी की कमी बनी हुई है। हम किसान परेशान हैं कि बोवनी कैसे करें। जो किसान बोवनी कर चुके हैं वे पानी गिरने का इंतजार कर रहे हैं। सभी किसानों की आस अब बारिश पर टिकी है। पानी नहीं बरसने से किसानों की चिंता फिर बढ़ गई है। – सुरेश पटेल, किसान

पर्याप्त बारिश होने पर ही करें बोवनी –

पिछले दिनों कई क्षेत्र में जहां 4 इंच बारिश हो गई थी वहां किसानों ने बोवनी कर दी, लेकिन उसके बाद जहां भी कम वर्षा हुई है वहां किसान अभी बोवनी ना करें। पर्याप्त बरसात होने पर ही खेतों में बोवनी करें। अभी जमीन में पर्याप्त नमी नहीं है जिससे गर्मी के कारण बीज खराब होने की संभावना बनी रहती है इसलिए जिले के सभी किसान 4 इंच बारिश होने पर ही खेतों में बीज डालें। – ज्ञानसिंह मोहनिया, उपसंचालक, कृषि, धार


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