नर्मदा पर बांध के लिए जबरन ली जा रही है किसानों की ज़मीन?


किसान अधिकारियों पर जबरन जमीन खरीदने का आरोप लगा रहे हैं।


ब्रजेश शर्मा
उनकी बात Updated On :

नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी किनारे की सबसे अच्छी उपजाऊ जमीन की कीमत 4 से 6 लाख रुपए प्रति एकड़ है। शायद दाम सुनते ही आप भी इस जमीन को खरीदने तैयार हो गए होंगे पर मुश्किल यह है कि किसान इस जमीन को देना नहीं चाहते और सरकार है कि बिना जमीन का अधिग्रहण और बिना क्षतिपूर्ति दिए जबरन किसानों की जमीन ले रही है। यहां पहुंचे अधिकारियों में से तो एक ने एक किसान पर हाथ भी उठा दिया। यह थप्पड़  किसान के चेहरे तक थप्पड़ नहीं पहुंचा मोबाइल पर लगा और वह नीचे गिर गया। वहीं अधिकारियों ने आरोप लगाया कि किसानों ने उनके साथी पर हमला करने की कोशिश की।

यह घटना नर्मदा किनारे ग्राम गुरसी गांव की है। करेली ब्लॉक के अंतर्गत आने वाला ग्राम गुरसी नर्मदा किनारे उस स्थान पर है जहां चिनकी बैराज बन रहा है यह गांव की कुछ खेती बाड़ी वाला हिस्सा डूब में आ रहा है पर गांव से थोड़ा आगे बैराज जाने के लिए किसानों के खेतों की जमीन जबरन ली जा रही है, वहां खंभे गाड़े जा रहे हैं।

गुरुवार 16 मई को तहसीलदार पटवारी और पुलिस का एक अमला ग्राम गुरसी पहुंचा, हालांकि अधिकारियों ने 15 मई को आने की सूचना ग्रामीणों को दी थी। उस तारीख को दिन भर ग्रामीण इंतजार करते रहे पर अधिकारी पहुंचे नहीं और उसके बाद अचानक गुरुवार को दोपहर वे पहुंच गए। इसके बाद वे अधिकारी खेतों पर जबरन खंभे और निशानदेही करने लगे तो किसानों ने आपत्ति ली तो इस तहसीलदार किसानों से अभद्र भाषा का प्रयोग करने लगे। किसानों को जेल भेजने की धमकी देने लगे, वीडियो में सुना जा सकता है कि एक किसान कह रहा है कि 4 लाख एकड़ में जमीन ले रहे हैं इससे अच्छा जेल ही चलें जाएं तो बेहतर है, कहीं 4 लाख एकड़ में कोई खेत मिल रहा है। इस बारे में संबंधित अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

किसान कहते हैं कि ना तो क्षतिपूर्ति दी गई और ना उनकी जमीन का अधिग्रहण किया गया तो फिर जबरन जमीन लेने का क्या मतलब, फिर वह भी 4 से 6 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर पर। किसानों का आरोप है कि उनकी जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है ऐसे में उनकी जमीन कैसे ली जा सकती है।


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