नई दिल्ली। गर्मी की शुरुआत के साथ ही पूर्वोत्तर भारत, पूर्वी एवं मध्य भारत उत्तर पश्चिमी भारत में भारतीय मौसम विभाग द्वारा सामान्य से अधिक तापमान को लेकर चेतावनी जारी की गई है।
इसी चेतावनी को ध्यान में रखते हुए तेज गर्मी से कामगारों, मजदूरों को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को प्रभावी उपाय करने को कहा है।
तेजी से बदलते हुए मौसम में तापमान बढ़ता ही जा रहा है। इससे जनसामान्य के जीवन पर बहुत असर पड़ा है। ऐसी स्थिति में मजदूर, रोज कमाने निकलने वाले कामगार, दानों में काम करने वाले श्रमिक पूरे दिन कठिन स्थितियों से दो-चार हो रहे हैं।
गर्मी इतनी ज्यादा है कि इसके दुष्प्रभाव से मजदूर वर्ग भी प्रताड़ित हो रहा है। सरकार द्वारा भीषण गर्मी के प्रकोप से श्रमिकों कामगारों आदि मजदूर वर्गों को बचाने के लिए यह आदेश पत्र जारी किए गए हैं। यह हमारे काम समाज के हर वर्ग के प्रति संवेदनशीलता दर्शाता है।
मंत्रालय ने दिए निर्देश –
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के साथ-साथ ठेकेदारों /नियोक्तओं /निर्माण कंपनियों/ औद्योगिक इकाइयों में काम कर रहे कामगारों को लू और तेज गर्मी से बचाने के उपाय करने के निर्देश जारी करने के आदेश पत्र जारी किए हैं।
उचित कार्य व्यवस्था के साथ स्वास्थ्य व्यवस्था भी –
जारी पत्र में कामगारों/निर्माण मजदूरों के काम के घंटों का पुनर्निधारण, कार्यस्थल पर पेयजल व्यवस्था, आकस्मिक आइस पैक की व्यवस्था और गर्मी से बीमार पड़ने पर तात्कालिक बचाव की वस्तुओं का इंतजाम करने की आवश्यकता बताई गई है।
पत्र में नियोक्ताओं और कामगारों के लिए स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से कामगारों की नियमित स्वास्थ्य जांच, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी परामर्श का पालन करने के भी निर्देश हैं।
खदान प्रबंधन में खनिक हेतु भी विशेष व्यवस्था –
खदानों के प्रबंधन के निर्देश में खनिकों के आराम करने की जगह, पर्याप्त शीतल जल और कार्यस्थल पर इलेक्ट्रोलाइट अनुपूरक का इंतजाम रखना है। अगर श्रमिक अस्वस्थ महसूस करता है तो श्रमिक को धीमी गति से काम करने की अनुमति, दिन में कम गर्मी के समय श्रम साध्य काम करने, अत्यधिक गर्मी के दौरान काम करते समय एकसाथ दो श्रमिकों को कार्य करने की अनुमति, भूमिगत खदानों में वेंटिलेशन और कामगारों को तेज गर्मी और उमस से होने वाले खतरे के प्रति आगाह करने और बचाव के उपाय करने की जानकारी देने से संबंधित परामर्श भी पत्र में हैं।
श्रम सचिव ने फैक्ट्री और खदानों के अलावा निर्माण श्रमिकों, ईंट-भट्ठा मजदूरों पर विशेष ध्यान रखने पर जोर देते हुए श्रम चौक पर पर्याप्त सूचनाएं देने की आवश्यकता जताई है।