अमरूद की बंपर पैदावार लेकिन फिर भी नहीं मिल रहे दाम, हज़ारों किसान परेशान


फल मंडी में किसानों को  औसत 8 से10 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से अमरुद बेचना पड़ रहा है बीते साल ये दाम औसतन 40से50 रुपए प्रति किलोग्राम थे और हाइब्रिड अमरूद के भाव 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम थे।


आशीष यादव
उनकी बात Updated On :

धार। कोरोना काल से लेकर अब तक किसानों की परेशानी कम नहीं हो रहीं हैं। इस बार क्षेत्र में ज्यादातर फसलों का उत्पादन अच्छा है लेकिन इनके अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं और अच्छे दामों के लिए किसानों के पास अच्छा बाजार भी नहीं है।

धार जिले और आसपास के क्षेत्रों में इस बार अमरूद के बागीचे फलों से लदे हुए हैं। किसानों के मुताबिक उनकी फसल शानदार है और उन्हें यह देखकर काफी खुशी हो रही है लेकिन किसानों की खुशी पर बाजार पानी फेर रहा है। अमरूद के बगीचे लगाने वाले किसानों को मानें तो इस बार कोरोना ने अमरूद की मिठास फीकी कर दी है।

धार जिले में कई क्षेत्रों से व्यापारी अमरूद खरीदने आते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। पहले की तरह इस बार दिल्ली जैसी बड़ी मंडियों से व्यापारियों का कोई जमावड़ा यहां नज़र नहीं आ रहा है। ऐसे में अमरूद बाजार में ही बिक रहा है और मात्रा अधिक होने के चलते किसानों को उनके अमरूद का सही दाम भी नहीं मिल रहा है।

फिलहाल बाजारों में अमरूद के थोक भाव आठ से दस रुपये प्रति किलोग्राम हैं। इस किसान बता रहे है कि इस बार लाभ तो छोड़ दो, मूल पूंजी भी निकालना मुश्किल है।

अब अमरूद के भाव नही होने से किसान परेशान:    क्षेत्र में अमरूद की खेती मुनाफ़ेदार मानी जाती है और हजारों किसान इससे जुड़े हैं लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के कारण बने कठिन आर्थिक हालात अभी तक नहीं सुधरे हैं। अमरूद के भाव लगातार कम बने हुए हैं और अब अगर भाव बढ़ते भी हैं तो मुनाफे की संभावना कम ही है।

इससे पहले बीते पखवाड़े में बिगड़े मौसम से वातावरण में बढ़ी नमी ने बागवानों की मुश्किलें बढ़ा दी थी। ठंड और नमी के चलते गीला हुआ अमरुद जल्द पक गया। इससे फल मंडी में व्यापारी पके अमरुद को लेने में हिचकिचा रहे है। बाजारों में कम दाम मिलने का यह भी एक कारण है।

फल मंडी में किसानों को  औसत 8 से10 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से अमरुद बेचना पड़ रहा है बीते साल ये दाम औसतन 40से50 रुपए प्रति किलोग्राम थे और हाइब्रिड अमरूद के भाव 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम थे।

इस इलाके का अमरूद मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों के अलावा राजस्थान, दिल्ली, पंजाब चण्डीगढ़, जयपुर, आदि बड़े शहरों में  भी भेजा जाता है। जिले से प्रतिदिन करीब एक दर्जन से अधिक अमरूद के वाहन आस-पास के गांवों से जयपुर, दिल्ली सहित अन्य राज्यों की मंडियों में जा रहे है लेकन दिल्ली की बड़ी मंडियों से अब तक यहां के अमरूद को बुलावा नहीं आया है।

इस सीजन में भी अमरूदों के सही दाम नहीं मिल रहे हैं।  पिछले साल इस सीजन में अच्छे दाम मिल रहे थे। मगर इस बार कोरोना के चलते किसानों को दाम नही मिल पाए हैं हमें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अमरूद फेंकने भी पड़ रहे हैं।

मनोज बोरदिया, किसान, तोरनोद

 

कोरोना के कारण एव मौसम की वजह से भी बाजार में अमरूद की मांग कम हुई है भाव के इस उतार चढ़ाव से बचने के लिए प्रसंस्करण इकाइयों के विकल्प पर जाना होगा।

के के गिरवाल ,उपसंचालक उद्यानिकी, धार


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