सरकारी कर्मचारी, पेंशनर्स और आयकर दाता ले रहे थे किसान सम्मान निधि योजना का लाभ


प्रशासन की कार्रवाई के डर से इन लोगों ने अब पैसे जमा करने भी शुरु कर दिए हैं और अब तक 1.26 करोड़ वापस जमा किए जा चुके हैं। खंडवा तहसील में 2300 अपात्र किसान चिन्हित किए गए थे।


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भोपाल। कमजोर किसानों की मदद के लिए शुरु की गई किसान सम्मान निधि योजना में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ रहे हैं। खंडवा जिला प्रशासन ने अपने इलाके में साढ़े पांच सौ लोगों को पकड़ा है।

इनमें आयकरदाता, पेंशनधारक और सरकारी कर्मचारियों तक ने झूठे घोषणा पत्र बनाकर किसान सम्मान निधि के तहत मिलने वाली आर्थिक मदद हांसिल की। इसके चलते योजना के कई पात्र किसानों को लाभ नहीं मिल सका है।

राज्य में कई जिलों से इस तरह की अनियमितता की खबरें आ रहीं हैं। इससे पहले तमिलनाडु राज्य में भी सितंबर के महीने में 110 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया था।

खंडवा जिला प्रशासन के मुताबिक इन 550 लोगों के खातों में किसान सम्मान निधि के छह हजार रुपये की छह किश्ते जमा हो चुकी थीं और इस तरह इनके खातों में कुल 1.80 करोड़ रुपये जा चुके हैं।

प्रशासन की कार्रवाई के डर से इन लोगों ने अब पैसे जमा करने भी शुरु कर दिए हैं और अब तक 1.26 करोड़ वापस जमा किए जा चुके हैं। खंडवा तहसील में 2300 अपात्र किसान चिन्हित किए गए थे।

2019 में शुरु हुई पीएम किसान सम्मान निधि योजना में उन किसानों को राहत दी जाती है जिनके पास खेती करने के लिए बहुत कम जमीन हो और जो दूसरों के खेतों में मजदूरी करते हों।

ज़ाहिर है ऐसी स्थिति में कोई आयकरदाता या पेंशनर भी इसका लाभ नहीं ले सकता है। इस योजना के तहत किसानों को हर साल छह हजार रुपये का नकद लाभ दिया जाता है।

जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन की टीम ने इन कथित तौर पर कमजोर किसानों के बैंक खाते सील करवा दिए हैं। इस दौरान कुछ वास्तवित हितग्राहियों को भी परेशानी उठानी पड़ी है।


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