भोपाल। प्रदेश में कई जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता धरना दे रहीं हैं। भीषण गर्मी में शामियानों के नीचे यह धरना बीते करीब डेढ़ महीने से जारी है। सागर में धरने के दौरान एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता शहनाज़ बानो को हार्टअटैक आया और उनकी मौत हो गई। इससे पहले यहां करीब हफ्तेभर पहले ही एक अन्य कर्मचारी आंगनबाड़ी सहायिका पार्वती अहिरवार की भी मौत हो चुकी है।
इन मौतों के बाद भी सरकार की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को लेकर कोई बात शुरु नहीं की गई है। जिस पर कांग्रेसी नेताओं ने सरकार को जमकर घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने पिछले दिनों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बात की थी लेकिन इसके बाद ही सागर में हुई मौत पर दोनों ने सरकार के रवैये पर चिंता जताई है।
कल अंबेडकर जयंती पर मैंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बहनों को न्याय देने की बात सीएम शिवराज सिंह से मीडिया के माध्यम से की थी।
आज सागर में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहन की आंदोलन के दौरान मृत्यु की खबर से बेहद विचलित हूं।
….. और कितनी जानें लेगी यह सरकार। @JansamparkMP— Vivek Tankha (@VTankha) April 15, 2022
शाहबानों की मौत के बाद प्रदर्शन कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी कड़ी नाराज़गी दिखाई और उन्होंने शहनाज का शव रखकर प्रदर्शन शुरु कर दिया और वे सागर जिले के मंत्रियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए थाने पहुंच गईं। यहां उन्होंने गोपालगंज पुलिस थाने पहुंचकर सुरखी से विधायक और मंत्री गोविंद राजपूत, खुरई से विधायक और मंत्री भूपेन्द्र सिंह और रहली विधायक और मंत्री गोपाल भार्गव की गुमशुदगी का आवेदन थाना प्रभारी सतीष सिंह को दिया। हालांकि मंत्री गोपालभार्गव खुद मौके पर पहुंचे और उन्होंने इन कार्यकर्ताओं की बात सुनी और उनकी मांगे का हल निकालने का आश्वासन दिया।
आंगनवाड़ी बहिनों के बीच पहुंचे पीडब्ल्यूडी मंत्री
अपने संपूर्ण राजनीतिक अनुभव के साथ समस्या हल कराने के पूरे प्रयास करूंगा…
मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों से चर्चा कर निकालेंगे समाधान : मंत्री श्री @bhargav_gopal@JansamparkMP pic.twitter.com/TDZrYEelEj
— PRO JS Sagar (@projssagar) April 15, 2022
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम मांग उन्हें शासकीय वेतनभोगी घोषित करने की है। इसके साथ ही वे अनुकंपा नियुक्ति की सुविधा देने, उम्र की सीमा को समाप्त करने आदि की मांग की है। इन मांगों को कांग्रेसी नेताओं ने सर्मथन दिया है। प्रदेश कांग्रेस के मुखिया कमलनाथ ने इसके लिए भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिख चुके हैं।
यूथ कांग्रेस के आंदोलन में नर्मदापुरम होशंगाबाद ज़िला मुख्यालय के घेराव के बाद जब युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करके पुलिस ले जा रही थी,तब पुलिस की गाड़ी को धरने पर बैठी *आंगनबाड़ी* कार्यकर्ता बहनो ने रोक लिया और जमकर नारेबाजी की और युवा काँग्रेस को अपना समर्थन दिया।। pic.twitter.com/hJw8oeoj5q
— Vrajendra Shukla (@vijendra_inc) April 12, 2022
आंगनबाड़ी कर्मचारी अब तक कई बार प्रदेश सरकार से अपनी इन मांगों को लेकर अपील कर चुकी हैं। नर्मदापुरम में तो यूथ कांग्रेस ने जेल भरो आंदोलन तक किया था जिसके बाद उन्हें जेल ले जाया रहा था और इस कार्रवाई का वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था। वहीं 11 अप्रैल को जबलपुर की कार्यकर्ताओं ने डिंडौरी-जबलपुर मार्ग पर चक्काजाम भी किया था। 13 अप्रैल को सिलवानी में इन महिलाओं ने प्रदर्शन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम पटेल को ज्ञापन सौंपा था लेकिन इस सबके बावजूद उन्हें सरकार की ओर से कोई राहत नहीं मिली है।
सागर की प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कर्मियों का कहना है कि सागर के दो नेता केंद्र सरकार में और तीन नेता राज्य सरकार में मंत्री हैं लेकिन उनके प्रदर्शन पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। ज़ाहिर है सरकार के इस रवैये से लोगों में नाराज़गी है।
एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हड़ताल पर ही बीमार हो गई और उनकी मौत हो गई अंधी सरकार ने कुछ नहीं किया 40 दिन से हड़ताल चल रही है पता नहीं सरकार किस किस को मौत दिखाएगी pic.twitter.com/R6wD6k9gyu
— Vandana tripathi (@Vandana23673060) April 16, 2022
आंगनबाड़ी कर्मियों के मुताबिक शहरी इलाकों में प्रदर्शन करने पर उन्हें अधिकारियों द्वारा परेशान भी किया जा रहा है और इसी वजह से ज्यादातर जिलों में केवल ग्रामीण क्षेत्रों की कार्यकर्ता ही प्रदर्शन कर रहीं हैं। ये कार्यकर्ता शहरी इलाकों में ही प्रदर्शन कर रहीं हैं जहां नेता और अधिकारी इन्हें रोजाना देख तो रहे हैं लेकिन इनके लिए आवाज़ नहीं उठा रहे। सागर में धरने पर बैठीं आंगनबाड़ी सहायिकाओं व कार्यकर्ताओं ने बीते दिनों गोपालगंज थाने में ज्ञापन दिया था कि जिले के मंत्री चोरी जो गए हैं। उन्हें ढूंढकर लाइए।