खुरई में पीड़ित दलित परिवार की मां-बेटी से दिग्विजय सिंह ने बंधवाई राखी, मंत्री भूपेंद्र सिंह को बर्खास्त करने की मांग


सिंह ने मंत्री भूपेंद्र सिंह को बर्खास्त करने की मांग की।


DeshGaon
उनकी बात Updated On :

सागर के खुरई क्षेत्र में पिछले दिनों एक दलित परिवार के साथ स्थानीय दबंगों ने मारपीट की और उनके बेटे की हत्या कर दी। इस मामले की चर्चा हर कहीं है। विपक्ष इसे लेकर सरकार पर हमलावर है। बुधवार को रक्षा बंधन के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह खुरई पहुंचे और उन्होंने पीड़ित परिवार की महिला से राखी बंधवाई और उनकी सुरक्षा और ख्याल रखने का वादा किया। दिग्विजय के साथ उनकी पत्नी अमृता सिंह भी गई थी।  दिलचस्प बात ये रही कि दिग्विजय सिंह के पहुंचने से पहले पीड़ित के परिवार के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए। यह कैमरे प्रशासन ने लगवाए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बुधवार को सागर जिल के खुरई में बरोदिया नौनागिर गांव पहुंचे। यहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और परिवार की महिलाओं  से राखी बंधवाई। भोपाल से निकलने के बाद जब दिग्विजय सिंह विदिशा से गुजर रहे थे तब वहां दलित समाज की महिलाओं ने उन्हें रोककर राखी बांधी।

वहीं बरोदिया नौनागिर गांव पहुंचने पर सिंह ने करीब डेढ़ घंटे तक पीड़ित परिवार से बंद कमरे में बातचीत की। जहां उन्होंने घटना के बारे जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने मृतक नितिन अहिरवार की मां और बहन से राखी बंधवाई। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने भाजपा के साथ पीएम मोदी और सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम शिवराज को संत रविदास के प्रति थोड़ी भी आस्था है तो इस हत्याकांड के आरोपियों को संरक्षण देने वाले मंत्री भूपेंद्र सिंह को तत्काल बर्खास्त करें। उन्होंने प्रशासन के रवैए पर सवाल उठाते हुए कहा कि एफआईआर में मृतक युवक की माँ को निर्वस्त्र कर पीटने और बहन को दौड़ाकर पीटने का मामला क्यों नहीं लिखा गया?

करेंगे आंदोलन

दिग्विजय सिंह ने पूछा कि साल 2019 दलित में बेटी के साथ छेडखानी के मामले में अबतक कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि यदि तब कार्रवाई की गई होती तो आज नितिन की हत्या करने की हिम्मत नहीं होती। इस जघन्य अपराध के बावजूद अगर आरोपियों के घर बुलडोज़र नहीं चला तो हम कलेक्टर ऑफिस का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि संत रविदास के नाम पर मंदिर बनाने से कुछ नहीं होगा। उनके अनुयायियों के सम्मान और सुरक्षा की गारंटी दे सरकार।

 


Related





Exit mobile version