भोपाल। पुलिस के समान वेतनमान सहित अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर मध्यप्रदेश के वनकर्मी 14 फरवरी से आंदोलन छेड़ने की तैयारी में हैं। ये वनकर्मी पांच चरणों में अपने आंदोलन को आगे बढ़ाने के मूड में हैं।
मप्र वन कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री आमोद तिवारी के मुताबिक, वन विभाग के कर्मचारियों को लंबे समय से संघर्ष करने के बाद भी उनके अधिकार प्राप्त नहीं हुए हैं। वन कर्मचारियों की लगातार हो रही उपेक्षा के कारण ये कर्मचारी आंदोलन करने के लिए मजबूर हुए हैं।
आमोद तिवारी के मुताबिक, वन कर्मचारी 14 फरवरी से अपने आंदोलन की शुरुआत करेंगे। पहले चरण में कर्मचारी मुख्यालय स्तर पर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। मांगे पूरी न होने पर दूसरे चरण में 15 मार्च को स्थानीय सांसद और विधायकों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। तीसरे चरण में 15 अप्रैल से रैली और धरना प्रदर्शन कर आंदोलन को तेज किया जाएगा।
इसके बाद भी यदि वन कर्मियों की मांगें नहीं मानी गईं, तो चौथे चरण में एक मई से पांच मई के बीच कर्मचारी शासकीय बंदूक, रिवाल्वर, शासकीय वाहन और शासकीय बस्ता जमाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे। अंतिम और पांचवें चरण में कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
वनकर्मियों की ये हैं मांगें –
- वन विभाग के कर्मचारियों को राजस्व व पुलिस के समान वेतनमान दिया जाए।
- 2. वन कर्मचारियों को सशस्त्र बल घोषित कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रदान किए जाएं।
- 3. वनरक्षक से अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक तक सभी को वर्दी अनिवार्य की जाए।
- 4. समस्त वन रक्षकों को ग्रेड पे 1900/5680 का लाभ दिया जाए और जिन्हें लाभ प्राप्त हो गया है, उनकी वसूली पर रोक लगाई जाए।
- 5. स्थाई कर्मी, वनरक्षक और वन क्षेत्रपाल के संशोधित भर्ती नियम को स्वीकृति प्रदान कर लागू कराया जाए।
- 6. स्थाई कर्मी को चतुर्थ श्रेणी में समायोजित कर सातवां वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति और वर्दी प्रदान की जाए।
- 7. वन कर्मचारियों को 5000 रुपये वर्दी भत्ता प्रदान किया जाए।
- 8. वन भूमि पर हो रहे अतिक्रमणों राजनीतिक और भूमाफिया से वन कर्मचारियों को संरक्षण प्रदान किया जाए।
- 9. वन कर्मचारियों को पौष्टिक भत्ता, नक्सली क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों को नक्सली भत्ता और टाइगर रिजर्व की बीटों में दो वन रक्षकों की पदस्थापना की जाए।
- 10. राष्ट्रीय उद्यान, टाइगर रिजर्व और अभ्यारण्यों में कार्यरत कर्मचारियों को केंद्र के अनुसार राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएं।
- 11. 2005 के बाद के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
- 12. वन कर्मचारियों की सेवा को तकनीकी सेवा घोषित कर 12 घंटे की ड्यूटी तय की जाए।
- 13. वन सेवा के दौरान कर्मचारी की मौत होने पर वन शहीद का दर्जा दिया जाए। परिवार को 1 करोड़ की राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएं।