धार। जिले में विकासखंड कुक्षी में उर्वरक विक्रेता फर्म मेसर्स एग्रो ऑल एजेंसी प्रोपाईटर दिनेश देवजी कुक्षी द्वारा कृषक नहार सिंह पिता जवर सिंह निवासी रामपुरा को तीन बोरी यूरिया (45 किलो ग्राम प्रति बैग) 450 रुपये प्रति बैंग के हिसाब से 1350 में बेचा गया।
हालांकि, शासन द्वारा यूरिया की निर्धारित कीमत 266.50 रुपये प्रति बैग है। इस प्रकार फर्म द्वारा किसान से यूरिया के तीन बैग पर 549 रुपये अधिक लिए गये।
कृषि विभाग की उर्वरक गुण नियंत्रण टीम द्वारा निरिक्षण में पाया गया की किसान को शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक पर विक्रय किया गया तथा फर्म पर डिस्प्ले बोर्ड पर विक्रय निर्धारित दरें नहीं लिखी गईं थीं।
इसके साथ ही किसैान नहार सिंह को विक्रय बिल नहीं दिया गया। साथ ही साथ बिल बुक आदि रिकॉर्डो का संधारण नहीं होने से फर्म पर उपस्थित रहकर टीम द्वारा किसानों की उपस्थिति में पंचनामा तैयार किया गया।
अधिकारियों ने फर्म के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 तथा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 3, 4, 5, 8 एवं 35 व 420 भा.द.वि. की धाराओं के उल्लंघन के कारण एग्रो ऑल एजेंसी प्रोपाइटर दिनेश देवजी के विरूद्ध कालाबाजारी एवं उर्वरक नियंत्रण आदेश का उल्लघंन करने के कारण एफआईआर दर्ज की गई।
इसी प्रकार कृषक राजू निगवाल निवासी बडग्यार की प्राप्त शिकायत पर उर्वरक विक्रेता फर्म मेसर्स निकुंज ट्रेडिंग कम्पनी कुक्षी प्रोपाइटर सुरेश चन्द्र माहेश्वरी निवासी सुसारी तहसील कुक्षी द्वारा कृषक से यूरिया के 1 बैग बोरी के 435 रुपये लिए गये जो राज्य शासन की निर्धारित दर से 166.50 रुपये अधिक है।
इस कारण आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 तथा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 3,45,8 एवं 35 धाराओं का उल्लंघन किया गया, फर्म के विरूद्ध कालाबाजारी एवं उर्वरक नियंत्रण आदेश का उल्लघंन करने के कारण एफआईआर दर्ज की गई।
उप संचालक, कृषि एवं पंजीयन अधिकारी द्वारा फर्म मेसर्स एग्रो ऑल एजेंसी एवं मेसर्स निकुंज ट्रेडिंग कम्पनी कुक्षी के उर्वरक पंजीयन प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए गये।
इसके साथ ही उन्होंने जिले के किसानों से अपील की है कि शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर ही उर्वरकों की खरीदी करें। यदि कोई दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक पर उर्वरक विक्रय करते हैं एवं बिल नहीं देते हैं तो संबंधित विकासखंड के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी को शिकायत करें एवं कृषि आदान खरीदी के समय किसान भाई बिल अवश्य प्राप्त करें।