नरसिंहपुर। धान की बंपर पैदावार के बाद शुरू हुई खरीदी के बीच प्रशासन द्वारा कम कर दिए गए खरीदी केंद्रों के कारण किसान फजीहत झेल रहे हैं।
गाडरवारा तहसील में किसानों ने पचामा में खरीदी केंद्र की मांग को लेकर एसडीएम दफ्तर के सामने भरता-बाटी बनाना शुरू कर दिया। हालांकि, थोड़ी-बहुत नोकझोंक और समझाइश के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस लिया।
गाडरवारा एसडीएम कार्यालय के सामने किसानों ने भरता-बाटी बनाने का कार्यक्रम शुरू कर दिया –
गाडरवारा तहसील में बीते कई दिनों से किसान पचामा में धान खरीदी केंद्र स्थापित करने की मांग कर रहे थे, लेकिन जब मांग पूरी नहीं हुई तो किसानों ने विरोध प्रदर्शन का नया तरीका अपनाया।
अपनी मांगों को लेकर एसडीएम कार्यालय के सामने भरता-बाटी बनाने का प्रोग्राम बना लिया। गाडरवारा तहसील कार्यालय में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे और एसडीएम कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
एसडीएम ने दी किसानों को आंदोलन नहीं करने की समझाइश –
किसानों के इस प्रदर्शन को देख प्रशासन भी सचेत हो गया और एसडीएम सृष्टि देशमुख किसानों को समझाइश देने पहुंची जहां पर किसानों और एसडीएम सृष्टि देशमुख के बीच तीखी बहस हुई।
पास में खड़े पत्रकार जब इस पूरे मामले को अपने कैमरे में कैद कर रहे थे तो एसडीएम ने उन्हें भी कवरेज न करने की नसीहत दे डाली।
इस बार जिले में करीब 76 हजार हेक्टेयर में धान का रकबा रहा है परंतु खरीदी केंद्रों की संख्या घटाकर 49 कर दी गई है। एक खरीदी केंद्र ज्वार के लिए बनाने की मांग कर रहे हैं।
पचामा में जहां किसान खरीदी केंद्र के लिए मांग कर रहे हैं, वहां पहले खरीदी केंद्र हुआ करता था। पचामा धान उत्पादक ग्रामीण इलाका है परंतु यहां खरीदी केंद्र बंद कर दिया गया।
जब इस बारे में किसान नेता जगदीश पटेल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रशासन अपनी मनमानी पर उतारू है और नेता और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर पचामा में खरीदी केंद्र स्थापित नहीं होने दे रहे हैं।