सोयाबीन की कीमतों को लेकर किसानों का बड़ा प्रदर्शन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन


धार: सोयाबीन की कीमत 6,000 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग को लेकर सैकड़ों किसानों ने कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली और ज्ञापन सौंपा। किसानों ने फसलों के बीमा लाभ और कृषि उपकरणों पर जीएसटी घटाने की भी मांग की।


आशीष यादव आशीष यादव
उनकी बात Published On :

जिले के किसानों ने सोमवार को सोयाबीन की कीमतों में सुधार और अन्य मांगों को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया। भारतीय किसान संघ के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल और पैदल मार्च निकालते हुए कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली और प्रधानमंत्री, कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। किसानों की प्रमुख मांग थी कि सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 6,000 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं की खरीद 2,700 रुपये प्रति क्विंटल की जाए।

किसानों की रैली और ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया

कृषि मंडी से शुरू हुई यह विशाल रैली शहर के मुख्य बाजारों से होकर गुजरी और कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर समाप्त हुई। ज्ञापन सौंपने के दौरान अतिरिक्त कलेक्टर अंकिता प्रजापति, एसडीएम रोशनी पाटीदार, सीएसपी रविंद्र वास्कले और अन्य अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने किसानों की मांगों को सुना। किसानों का कहना है कि पिछले 25 दिनों से वे सोयाबीन की उचित कीमतों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

 

किसानों की प्रमुख मांगें

किसान नेता अमोल पाटीदार ने बताया कि सरकार की ओर से किए जा रहे एमएसपी के दावे महज कागजी हैं। किसानों को वास्तविक लाभ तब ही मिलेगा, जब उनकी फसल की कीमतें बढ़ाई जाएंगी। उनका कहना था कि मौजूदा बाजार दर पर खेती करना घाटे का सौदा बन गया है, और जब तक सोयाबीन की कीमत 6,000 रुपये प्रति क्विंटल नहीं होती, किसान घाटे में ही रहेंगे।

 

भारतीय किसान संघ की अन्य मांगें

ज्ञापन में केवल सोयाबीन की कीमतों की मांग नहीं की गई, बल्कि कपास, मक्का और अन्य फसलों के भी उचित मूल्य निर्धारण की मांग की गई है। इसके अलावा, सोयाबीन की फसल में फैली बीमारियों के कारण हुए नुकसान के बीमा का लाभ किसानों को देने, कृषि उपकरणों पर जीएसटी में कटौती करने और हर जिले में कृषि महाविद्यालय खोलने की भी मांग की गई। इसके साथ ही, धार जिले में घोड़ा रोज़ की समस्या को हल करने और उससे होने वाले नुकसान का मुआवजा किसानों को देने की भी मांग उठाई गई। नर्मदा का जल जिले में लाने पर भी जोर दिया गया।

 

किसानों की एकजुटता और नेतृत्व

इस प्रदर्शन में भारतीय किसान संघ के प्रांत जैविक प्रमुख आनंद सिंह ठाकुर, प्रांत मंत्री महेश ठाकुर, संभागीय अध्यक्ष कृष्णपाल सिंह, जिला अध्यक्ष यशवंत मुकाती और कई अन्य प्रमुख किसान नेता उपस्थित थे। प्रदर्शन में जिले के सैकड़ों किसानों ने भाग लिया और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की।

किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर उचित कदम नहीं उठाती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

 



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