सुप्रीम कोर्ट ने 12 अगस्त को पंजाब और हरियाणा के पुलिस प्रमुखों को अंतर-राज्य बॉर्डर पर सड़कों को आंशिक तौर पर खोलने की योजना तैयार करने का निर्देश दिया है। इस आदेश के एक दिन बाद ही किसान नेताओं ने अपनी आगामी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। किसान संगठनों ने घोषणा की है कि जैसे ही सड़कों को खोला जाएगा, वे ‘ट्रैक्टर-ट्रॉली-दिल्ली चलो’ मार्च को फिर से शुरू करेंगे।
पिछले छह महीने से शंभू-खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले किसान, जो कि किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेतृत्व में हैं, अब दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए तैयार हैं। इन संगठनों ने 13 फरवरी से हरियाणा में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से शंभू-अंबाला और खनौरी-जींद पर धरना दे रखा है। किसानों की मुख्य मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी शामिल हैं।
केएमएम के संयोजक सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्वागत करते हुए, किसान जल्द ही अपने मार्च की तिथि की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा, “हम सड़कें खुलने के बाद अपने ‘ट्रैक्टर-ट्रॉली दिल्ली चलो’ मार्च को फिर से शुरू करेंगे और इसकी तैयारियां जल्द शुरू कर देंगे।”
केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच कई राउंड की मीटिंग्स के बावजूद, एमएसपी पर कोई ठोस कानून नहीं बना है। किसान आरोप लगा रहे हैं कि सरकार ने पहले के आंदोलन के दौरान किए गए वादों को पूरा नहीं किया और उनकी बाकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से शंभू में लंबे समय से बंद पड़े हाइवे को चरणबद्ध तरीके से खोलने की दिशा में मिलकर काम करने को कहा है।