20 सितंबर को होने वाली ट्रैक्टर रैली में इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन और आउटर रिंग रोड के साथ अहिल्या पथ संघर्ष समिति के प्रभावित किसान शामिल होंगे। किसानों ने सरकार से ‘आउटर रिंग रोड और अहिल्या पथ योजना रद्द करें’ की मांग करते हुए कहा है कि जो हमारे साथ खड़ा रहेगा, हम भी उसके साथ खड़े रहेंगे।
इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन के प्रभावित किसानों ने बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजे और रेलवे लाइन के रूट में बदलाव की मांग की है। वहीं, सोयाबीन उत्पादक किसानों ने भी रैली में शामिल होकर सोयाबीन का समर्थन मूल्य ₹8000 प्रति क्विंटल करने की मांग उठाई है।
अहिल्या पथ संघर्ष समिति के हंसराज मंडलोई ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 20 सितंबर को इंदौर में किसानों की ट्रैक्टर रैली के माध्यम से कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा। इस रैली का उद्देश्य आउटर रिंग रोड और अहिल्या पंथ योजना को रद्द कराने के साथ-साथ सोयाबीन का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग को मजबूती से उठाना है।
हंसराज मंडलोई ने आगे कहा कि इंदौर और आसपास के जिलों में किसान अपनी जमीन के अधिग्रहण के सख्त खिलाफ हैं। उन्होंने इंदौर विकास प्राधिकरण और प्रदेश सरकार को ‘सबसे बड़ा भू-माफिया’ बताते हुए कहा कि अधिकारी और मंत्री भू-माफियाओं के प्रभाव में आकर किसानों की जमीनें औने-पौने दामों पर अधिग्रहित कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि नई योजनाओं के नाम पर उनकी जमीनें छीनी जा रही हैं और अब वे किसी भी सरकारी योजना के लिए अपनी जमीनें नहीं देंगे। किसान नेताओं ने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार और इंदौर विकास प्राधिकरण पहले ही किसानों की कीमती जमीनें हड़प चुके हैं, जिससे उनके परिवार बर्बाद हो गए हैं।
इसलिए, प्रभावित किसान 20 सितंबर की रैली में पूरी ताकत से शामिल होंगे और सरकार से मांग करेंगे कि अहिल्या पंथ योजना, आउटर रिंग रोड और पीथमपुर लॉजिस्टिक पार्क जैसी योजनाओं को रद्द किया जाए। किसान नेताओं ने अन्य किसानों से अपील की है कि वे रैली में शामिल होकर अपनी मांगों को लेकर एकजुटता दिखाएं। रैली के माध्यम से सोयाबीन का समर्थन मूल्य ₹8000 प्रति क्विंटल करने की मांग भी जोर-शोर से उठाई जाएगी।
इससे पहले अहिल्या पथ योजना के खिलाफ किसानों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए इंदौर विकास प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। किसानों ने स्पष्ट कहा कि वे अपनी जमीन किसी भी सूरत में नहीं देंगे और कई योजनाओं में पहले ही जमीन देकर बर्बाद हो चुके हैं। हंसराज मंडलोई और ठाकुर तूफान सिंह की अगुवाई में पलाखेड़ी में हुई बैठक में 15 गांवों के किसानों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अहिल्या पथ योजना को रद्द किया जाए। किसानों की मांग है कि अगर सरकार जमीन लेती है, तो उन्हें बाजार मूल्य से चार गुना मुआवजा दिया जाए और विकास का अधिकार किसानों के पास रहे।