अहिल्या पंथ योजना के विरोध में प्रदर्शन की तैयारी कर रहे प्रभावित किसानों ने 30 सितंबर को होने वाले धरना प्रदर्शन से पहले एक मोटरसाइकिल रैली निकाली। किसानों ने स्पष्ट कहा कि वे इस योजना के तहत अपनी एक इंच जमीन भी नहीं देना चाहते।
किसानों की आपत्ति: “हमारा घर कहाँ जाएगा?”
रेवती बरदारी और पलाखेड़ी के अनुसूचित जाति के गरीब लोगों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि उनके मकान तोड़ दिए गए, तो वे कहां जाएंगे। उन्होंने बताया कि विकास प्राधिकरण और हाउसिंग बोर्ड ने उनकी जमीनों को पिछले 25 वर्षों से विभिन्न योजनाओं में उलझा रखा है, जिससे वे आर्थिक रूप से बर्बाद हो गए हैं।
अहिल्यापथ संघर्ष समिति की बैठक और रैली का आयोजन
अहिल्यापथ संघर्ष समिति के हंसराज मंडलोई ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि अहिल्या पंथ योजना से प्रभावित गांवों—भंवरासाला, रेवती बरदारी, पलाखेड़ी, बड़ा बांगड़दा, जामुदी, हप्सी, नैनोद, रिंजलाई, बुडानिया, और लिंबोदा गारी के किसानों की एक बड़ी बैठक नैनोद के शिव धर्मशाला में हुई थी। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि एक मोटरसाइकिल रैली निकालकर सभी प्रभावित किसानों को 30 सितंबर के धरना प्रदर्शन में शामिल होने का निमंत्रण दिया जाएगा।
भारी बारिश के बावजूद रैली का आयोजन
हंसराज मंडलोई ने बताया कि भारी बारिश के बावजूद, नैनोद के हनुमान मंदिर से मोटरसाइकिल रैली प्रारंभ की गई। यह रैली अहिल्या पंथ योजना से प्रभावित सभी गांवों से होकर गुज़री। रैली को देखकर किसानों की आंखें भर आईं और उन्होंने युवाओं का स्वागत किया। उन्होंने सरकार से अपील की कि इस योजना को रद्द किया जाए, क्योंकि इससे रेवती बरदारी और पलाखेड़ी के अनुसूचित जाति समाज के लोगों के कई मकान इसकी चपेट में आ रहे हैं। किसानों ने रोते हुए कहा कि अगर उनके मकान तोड़ दिए गए, तो वे कहां जाएंगे। उन्होंने जीवनभर की मेहनत से ये मकान बनाए हैं।
धरना प्रदर्शन के लिए आह्वान
अहिल्यापथ संघर्ष समिति के नेताओं ने सभी प्रभावित किसानों से 30 सितंबर, सोमवार को होने वाले धरना प्रदर्शन में पूरी ताकत से भाग लेने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि यह समय है जब किसानों को एकजुट होकर विकास प्राधिकरण की जनविरोधी नीतियों का विरोध करना चाहिए।