लहसुन पर मार से परेशान किसान, कृषि मंत्री के पास भी नही कोई समाधान


किसान अपनी लहसुन की फसल या तो फेंक रहे हैं या फिर अपने घर में रखकर दाम बढ़ने का इंतज़ार कर रहे हैं लेकिन इसमें भी नुकसान ही है।


DeshGaon
उनकी बात Published On :
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भोपाल। प्रदेश में लहसुन की फसल की हालत खराब है। किसान इसे लेकर खासे परेशान हैं। किसानों के मुताबिक उन्हें मंडी में लहसुन के दाम ही नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में ज्यादातर किसान अपनी फसल या तो फेंक रहे हैं या फिर अपने घर में ही रखे हुए हैं। हालांकि लहसुन की फसल ज्यादा रखने से भी फायदा नहीं क्योंकि वजन कम होने से कीमत कम ही होती जानी है।  किसानों के मुताबिक दाम इतने कम मिल रहे हैं कि मंडी तक पहुंचने का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है।

इस बीच प्रदेश के कृषि मंत्री और किसान का एक ऑडियो वायरल हो रहा है। जिसमें किसान कृषि मंत्री कमल पटेल से कम दाम की शिकायत कर रहे हैं। कुछ देर की बातचीत के बाद कृषि मंत्री किसान से कहते हैं कि ऐसी कम रेट की फसल लगाई ही क्यों!

दरअसल, लहसुन के सही दाम न मिलने से परेशान धार जिले के सुनील पाटीदार नाम के किसान ने कृषि मंत्री कमल पटेल को फोन किया। किसान ने मंत्री को अपनी मजबूरी बताई, तो मंत्री ने भी अपनी बेबसी बता दी। मंत्रीजी ने कहा कि मैं रेट कहां से दूं। दूसरे मंत्री के पास अपनी समय लेकर जाओ इस बातचीत का ऑडियो भी सामने आया है।

इसमें सुनील पाटीदार कहते हैं कि सर, ये लहसुन का रेट क्या है? इसपर कृषि मंत्री कहते हैं कि लहसुन का रेट मैं कहां से दूं। थोड़े दिन दो महीने रुको रेट चार गुना हो जाएंगे। किसान जवाब देता है कि कहां से हो जाएंगे, अब तो नई फसल आने वाली है एक महीने बाद। बातचीत के दौरान कृषि मंत्री कहते हैं कि मेरे पास कृषि विभाग है इसमें ये लहसुन-प्याज आता ही नहीं हैं। ये उद्यानिकी में आता है उद्यानिकी मंत्री से बात करो।

कृषि मंत्री आगे कहते हैं कि कभी-कभी तुमको रेट डबल-ट्रिपल भी मिलता है। इस पर सुनील पाटीदार जवाब देते हैं कि वो तो मिलते हैं, मगर अभी दो साल से किसान परेशान हो रहा है। कृषि मंत्री जवाब देते है कि ऐसी चीजें मत बोओ, जिसके रेट अच्छे मिलें वो उगाओ।

किसान फिर सवाल पूछता है कि हम कौन सी फसल बोएं? प्याज के भी रेट ऐसे मिल रहे। किसान की लागत नहीं निकल रही। किसान ने सोयाबीन की फसल खराब होने की भी शिकायत की और कहा कि धार जिले में सर्वे को भी नहीं आ रहा। कृषि मंत्री बात को टालते हुए कहते हैं कि मूंग की फसल उगाओ, उसमें बहुत कमाई हो रही है। किसान जवाब देता है कि धार जिले में मूंग की खेती होती ही नहीं है। हमारे जिले में बस सोयाबीन, मटर, गेहूं की खेती होती है। आखिर में मंत्री जी कहते हैं कि चलो ठीक है। तुम्हारे लिए कुछ करते हैं।



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