जमीन का सही मुआवजा पाने के लिए सरकार से लड़ रहे किसान, अब नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से मिले

आउटर रिंग रोड और इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन के प्रभावित किसानों ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार से मुलाकात की। किसानों ने उचित मुआवजे की मांग की और आरोप लगाया कि सरकार कर्ज लेकर जनप्रतिनिधियों का वेतन बढ़ा रही है, जबकि उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही। उमंग सिंगार ने कांग्रेस पार्टी की ओर से किसानों को समर्थन का आश्वासन दिया।

आउटर रिंग रोड पूर्वी एवं पश्चिमी और इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन से प्रभावित किसानों का प्रतिनिधिमंडल नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार से मिला और अपनी समस्याओं को रखते हुए कांग्रेस पार्टी से समर्थन की मांग की। किसानों ने अपनी जमीनों के अधिग्रहण से जुड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। किसान नेता हंसराज मंडलोई ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि मध्य प्रदेश सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है और जनप्रतिनिधियों के वेतन बढ़ाने के लिए बजट का इस्तेमाल कर रही है, जबकि किसानों को मुआवजा देने के लिए सरकार के पास धन नहीं है। इसके पहले ये किसान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और रेल मंत्री भी मुलाकात कर उनके सामने अपनी समस्या रख चुके हैं।

सरकार पर गंभीर आरोप:

किसानों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार के इस रवैये ने उन्हें और अधिक हाशिए पर धकेल दिया है। इस प्रतिनिधि मंडल के नेता हंसराज मंडलोई ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ की कहावत को चरितार्थ कर रही है। किसानों की जमीनें इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन और आउटर रिंग रोड परियोजना में चली गईं, लेकिन उन्हें पर्याप्त मुआवजा नहीं मिला। वहीं, दूसरी ओर सरकार कर्ज लेकर सांसद, विधायक, महापौर, और पार्षदों का वेतन बढ़ा रही है।

किसानों का विरोध:

किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकताएं गलत हैं। मंडलोई ने कहा कि किसानों की जमीनें जा रही हैं, उनके बच्चे बर्बाद हो रहे हैं, लेकिन सरकार उनके लिए मुआवजा देने के बजाय जनप्रतिनिधियों के वेतन और भत्ते बढ़ाने में लगी हुई है। किसानों का कहना है कि अंग्रेजों और औरंगजेब के समय में भी किसानों को इस प्रकार नहीं दबाया गया था, जितना आज हो रहा है।

 

पिछले दिनों आरएसएस और भाजपा के ही सहयोगी संगठन भारतीय किसान संघ ने भी इसे लेकर किसानों के पक्ष में ज्ञापन दिया था। 

ज्ञापन के मुख्य बिंदु:

वेतन वृद्धि और मुआवजा की समस्या:

किसानों का यह भी कहना है कि सरकार के पास हवाई जहाज खरीदने, अधिकारियों के बंगलों की मरम्मत और मंत्रियों के लिए बड़ी गाड़ियां खरीदने का पैसा है, लेकिन जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है, उनके लिए सरकार के पास बजट नहीं है। मंडलोई ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने 4 गुना मुआवजे के कानून को घटाकर 2 गुना कर दिया है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।

कांग्रेस का समर्थन:

कांग्रेस नेता उमंग सिंगार ने किसानों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और उन्हें भरोसा दिलाया कि कांग्रेस पार्टी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने किसानों को याद दिलाया कि राहुल गांधी के नेतृत्व में यूपीए सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून पास किया था, जो किसानों के हितों की रक्षा करता था, लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे पलट दिया है।

किसानों की मांगें:

किसानों ने सरकार से मांग की कि आउटर रिंग रोड योजना को रद्द किया जाए और इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन के प्रभावित किसानों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा, किसानों ने कहा कि सरकार बिना उनकी सहमति के किसी भी नई योजना को उनकी जमीनों पर लागू न करे।

 किसानों की नाराजगी और मांगें अब प्रमुखता से सामने आ रही हैं। कांग्रेस पार्टी ने उनके समर्थन का आश्वासन दिया है, और आने वाले समय में इस मुद्दे पर और भी जोरदार तरीके से आवाज उठाए जाने की संभावना है।

First Published on: August 17, 2024 11:31 PM