MP: बिजली कंपनियों के निजीकरण का विरोध, वल्लभ भवन तक मार्च की तैयारी में कर्मचारी संगठन


मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया का विरोध की शुरुआत करते हुए बिजली कर्मचारियों ने सोमवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को ज्ञापन सौंपा। साथ ही चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ मंत्रालय वल्लभ भवन तक मार्च निकालेंगे।


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भोपाल। मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया का विरोध की शुरुआत करते हुए बिजली कर्मचारियों ने सोमवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को ज्ञापन सौंपा। साथ ही चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में बिजली कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ मंत्रालय वल्लभ भवन तक मार्च निकालेंगे।

जानकारी के मुताबिक, मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एंप्लॉय एवं इंजीनियर्स (MPUFPEE) के प्रदेश संयोजक वीकेएस परिहार के नेतृत्व में बिजली कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले पर पहुंचा और उन्हें अपनी मांगों के साथ ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में केन्द्र सरकार की ओर से विद्युत कंपनियों के निजीकरण के लिए जारी किए गए स्टैंडर्ड बिड डॉक्यूमेंट यानी SBD का विरोध किया गया है। इसमें कहा गया है कि SBD से विद्युत क्षेत्र में काम कर रहे सभी कर्मचारियों की सेवा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा इसलिए सभी कर्मचारी डरे हुए हैं।

अगले महीने सात फरवरी को भोपाल में गोविंदपुरा से वल्लभ भवन तक रैली निकाल कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा। फिर भी बात नहीं बनती है तो आंदोलन करने के सिवा कर्मचारियों के पास और कोई रास्ता नहीं बचेगा।

ज्ञापन के मुताबिक, बिजली कर्मचारियों की प्रमुख मांगें –

  • केंद्र सरकार की ओर से विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के लिए जारी स्टैंडर्ड बिट डॉक्यूमेंट को मध्यप्रदेश में लागू नहीं किया जाए।
  • मध्यप्रदेश शासन द्वारा ट्रांसमिशन कंपनी के निजीकरण के लिए शुरू किए गए टीवी सीवी को वापस लिया जाए।
  • मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थगित किए गए एवं वार्षिक वेतन वृद्धि को तुरंत चालू कर बकाया राशि का भुगतान किया जाए।
  • विद्युत अधिकारी और कर्मचारियों के सभी वर्गों की वेतन विसंगति दूर की जाए।
  • मध्यप्रदेश में काम कर रहे सभी विद्युत संविदा अधिकारी कर्मचारियों को आंध्र प्रदेश एवं बिहार शासन की तरह नियमित किया जाए क्योंकि सभी कर्मचारियों की भर्ती नियमित भर्ती के विज्ञापन के माध्यम से की गई है।
  • मध्यप्रदेश में सभी वर्गों के बाह्य स्रोत कर्मचारियों की सेवाओं को सुरक्षित रखते हुए तेलंगाना, दिल्ली एवं हिमाचल प्रदेश के शासन की तरह सीमाएं सुरक्षित की जाएं।
  • मध्यप्रदेश रा.वि.म. के कर्मचारियों की पेंशन की सुरक्षित व्यवस्था करते हुए उत्तर प्रदेश शासन की तरह गारंटी लेकर पेंशन ट्रेजरी से शुरू की जाए।
  • कंपनी कैडर के नियमित एवं संविदा कर्मचारियों को भी 50% विद्युत छूट एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पूर्व की भांति 25% विद्युत छूट दी जाए।

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