धार। विकलांग बल मध्यप्रदेश की जिला इकाई धार द्वारा 16 मांगों को लेकर एक ज्ञापन दिया गया जिसमें विभिन्न मांगों के निराकरण की मांग की गई है। दिव्यांग एक साथ कलेक्टोरेट पहुंचे और अपनी बात सुनाई।
सबसे खास बात इस दौरान यह देखने को मिली कि दिव्यांग अपनी जिन परेशानियों को लेकर पहुंचे थे, उन तमाम परेशानियों को सुनने के लिए कलेक्टर प्रियंक मिश्रा पहुंचे और दिव्यांगों के साथ जमीन पर बैठ गए। जमीन पर बैठकर ही कलेक्टर मिश्रा ने उनकी बात सुनी और निराकरण का आश्वासन दिया।
मप्र के गुना जिले में निकाली जा रही दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा के समर्थन में सरकार के नाम यह ज्ञापन धार में भी दिया गया। ज्ञापन में बताया दिव्यांगों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाए। सभी विभागों में दिव्यांगों के रिक्त पदों को बैकलॉग भर्ती के जरिये भरा जाए।
दिव्यांगों के लिए 5 लाख तक का लोन अनिवार्य रूप से दिया जाए। इसके लिए प्रत्येक जिले में एकल खिड़की की व्यवस्था हो। यदि पति-पत्नी दोनों दिेव्यांग है तो 2 लाख और यदि एक दिव्यांग है तो 5 लाख रुपये दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाए।
जिला स्तर पर ऐसे दंपत्तियों को सम्मानित किया जाए ताकि दिव्यांग व्यक्ति से विवाह के प्रति समाज में एक सकारात्मक संदेश पहुंच सके। दिव्यांग अधिनियम 2016 व मप्र दिव्यांग नियम 2017 को धरातल पर लागू किया जाए।
ज्ञापन में बताया कि सामाजिक न्याय व दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग से दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग को अलग किया जाए। पंचायत, नगरीय निकाय, विधानसभा व संसद के दोनों सदनों में दिव्यांगों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
दिव्यांगों के लिए आयुक्त व मुख्य आयुक्त के पद पर दिव्यांग व्यक्ति को ही नियुक्त किया जाए। आवासहीन दिव्यांगों के लिए पटटा वितरण कर आवास व शौचालय उपलब्ध कराया जाए।
आउटसोर्स भर्ती में दिव्यांगों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य करने की मांग रखी। ज्ञापन में बताया गया कि दिव्यांगों के यूडीआईडी कार्ड को हर विभाग में व्यावहारिक रूप से लागू किया जाए।
ग्रामीण शहरी अंचल में दिव्यांग खेल प्रतिभागियों को आगे बढ़ाने के लिए निःशुल्क खेल सामग्री व ट्रेनिंग सेंटर तहसील व जिला स्तर पर स्थापित करने की मांग की गई। इसके सहित अन्य मांगें भी रखी गईं।