प्याज पर Export Tax खत्म करने के लिए किसानों के साथ आए दिग्विजय सिंह, पीएम मोदी से कहा परेशान हैं किसान


भारी नुकसान का सामना कर रहे हैं प्याज उत्पादक किसान


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उनकी बात Updated On :
देवास जिले में प्याज गोदामों में रखी है और अब इसमें अंकुरण शुरु हो गया है।


भोपाल। केंद्र सरकार के फैसले से प्याज उत्पादक किसान खासे परेशान हैं। सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया है। ऐसे में किसानों को प्याज का सही दाम नहीं मिल रहा है। इसे लेकर देशभर में कई मंडियों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस नेता और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे लेकर केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। उन्होंने सरकार से निर्यात शुल्क हटाने की मांग की है।

बीते महीनों मे बेमौसम बारिश के बाद प्याज उत्पादक किसानों का काफी नुकसान हुआ था किसानों को प्याज के अच्छे दाम की उम्मीद थी लेकिन अब केंद्र सरकार ने निर्यात पर भारी टैक्स लगा दिया है।  यह उस समय हो रहा है जब किसान प्याज को करीब तीन महीने गोदामों में रख चुके हैं। इस दौरान प्याज का वजन कम हो जाता है और बारिश के बाद प्याज में सड़न भी बढ़ जाती है। अब आलम ये है कि किसानों का अच्छा प्याज भी करीब 12-15 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है। इंदौर जिले के किसान बताते हैं कि उन्हें उम्मीद थी कि अब प्याज निर्यात होगी तो उन्हें अच्छे दाम मिलेंगे लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अब वे भारी घाटे में हैं।

दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि, ‘मध्य प्रदेश के प्याज उत्पादक किसान इन दिनों प्याज के कम होते जा रहे दाम से चिंतित है। केन्द्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाये जाने से प्याज को विदेशों में भेजे जाने का कारोबार प्रभावित हो रहा है। किसानों को उनकी फसल के उचित दाम नही मिल पा रहे है। रतलाम जिले के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मुलाकात कर बताया है कि केन्द्र सरकार द्वारा प्याज निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क बढ़ाये जाने से किसानों में सरकार के प्रति भारी नाराज़गी है। किसानों ने प्रदेश भर में निर्यात शुल्क में हुई वृद्धि के विरोध में आंदोलन शुरू कर दिये है।’

सिंह ने आगे लिखा है कि, ‘पिछले वर्ष भी प्रदेश में प्याज के रेट कम होने से कई स्थानों पर किसानों ने अपनी फसल नदी में फेंक दी थी। अनेक कस्बों में किसान प्याज की ट्रॉली मंडियों में ही छोड़ गये थे। इसी साल मई में खंडवा जिले के भेरूखेड़ा के किसान घनश्याम ने मंडी में कम दाम होने पर अपनी पूरी प्याज गुस्से में फ्री में बांट दी थी। तब उसकी प्याज की 3 रूपये किलो की कीमत मंडी में लगाई गई थी। जबकि उसकी लागत ही 6 रूपये किलो से अधिक आई थी।’

पूर्व सीएम ने आगे लिखा, ‘केन्द्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के पश्चात मध्यप्रदेश रतलाम जिले के किसानों द्वारा मंडी बंद कर विरोध दर्ज कराया है। किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा निर्यात शुल्क में वृद्धि करने से विदेशों में प्याज मंहगा पहुँचेगा तो वे भारत का प्याज नही मंगाएंगे, ऐसे में प्याज के दाम गिरेंगे। वहीं, इससे भारतीय प्याज के व्यापारियों को भी नुकसान होगा। किसान नेताओं ने भी प्याज के निर्यात शुल्क को पूर्व की भांति किये जाने का निवेदन किया है।’ सिंह ने पीएम मोदी से मांग करते हुए कहा कि प्याज के निर्यात शुल्क में 40 प्रतिशत की बेतहाशा वृद्धि को कम करते हुए किसानों को राहत प्रदान करें।

 


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