धार। जिला अस्पताल में सरकार द्वारा लॉन्च किए गए जीपीएस आधारित सार्थक एप का डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया।
गुरुवार की दोपहर जिला अस्पताल के सभी वार्डों के डॉक्टर सिविल सर्जन कक्ष के बाहर इकट्ठा हुए। यहां डॉक्टरों ने सरकार के इस एप का विरोध जताते हुए अपने हाथ पर काली पट्टी बांधकर एप का बहिष्कार करने की बात कही।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों की हाजिरी जांचने के लिए जीपीएस आधारित सार्थक एप लॉन्च किया है, यह एप डॉक्टरों की उपस्थिति के साथ उनकी लोकेशन को भी ट्रेस करेगा। एप पर उपस्थिति नहीं दर्ज होने पर और इसका पालन नहीं करने पर उनका वेतन रोक दिया जाएगा।
मध्यप्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोशिएशन के ज्वाइंट सेकेटरी और जिला अस्पताल सर्जरी स्पेशलिस्ट कमलेश अहिरवार ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार के लॉन्च किए सार्थक एप पर डॉक्टरों के आने से लेकर जाने तक उनकी फोटो और के साथ लोकेशन भी अपलोड करनी होगी।
स्वास्थ्य कर्मचारियों-अधिकारियों पर टाइम का बाउंडेशन नहीं होना चाहिए। डॉक्टरों को इमरजेंसी में रात्रि में भी सेवाएं देनी होती है तो कभी उनकी वीआईपी ड्यूटी भी लगाई जाती है।
ऐसे में डॉक्टर इस एप का उपयोग कैसे करेंगे। इसलिए डॉक्टरों द्वारा इस एप का विरोध कर बहिष्कार किया जा रहा है। हमने सरकार के सामने हमारी मांग रखी है, हमारों मांगो को नहीं मानने पर हम बड़ा आंदोलन करेंगे।
ऐसे काम करता है सार्थक एप –
सार्थक मोबाइल एप जीपीएस आधारित एप है, यह एप कर्मचारियों की जीपीएस से लोकेशन के साथ उपस्थिति दर्ज करता है।
इस एप पर डॉक्टरों और अधिकारियों को एक फोटो भी अपनी लोकेशन के साथ अपलोड करना होती है। एप कर्मचारियों का रिकॉर्ड अपने डेटा में सेव करता है।
स्वास्थ्य आयुक्त ने सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारियों व स्वास्थ्य अधिकारियों व सिविल सर्जनों को एक सप्ताह के अंदर इसे फॉलो करने के लिए कहा है।
सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को निर्धारित समय तक अस्पताल में उपस्थित रहना होगा तथा उनकी उपस्थिति सार्थक मोबाइल एप से ही दर्ज की जायेगी। जो कर्मचारी व अधिकारी सात जनवरी से सार्थक मोबाइल एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे, उनका वेतन रोक दिया जाएगा।