शिक्षक पात्रता के अभ्यर्थियों का भाजपा कार्यालय में प्रदर्शन, गुजरात जीत की बधाई दी फिर 2018 में मप्र में किये वादे भी याद दिलाए


शिक्षक पात्रता परीक्षा के चयनित अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, याद दिलाया कि सीएम शिवराज ने 2018 में 62 हजार शिक्षकों को नौकरी देने का वादा किया था।


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उनकी बात Published On :

भोपाल। शिक्षक पात्रता अभ्यर्थियों का नौकरी के लिए मांग प्रदर्शन लगातार जारी है। शुक्रवार को इन अभ्यर्थियों ने एक बिल्कुल अलग तरह से प्रदर्शन किया। जिसका मकसद सत्ताधारी दल भाजपा और सरकार में शामिल नेताओं को एक खास संदेश देना था। अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस से एक दिन पहले प्रदेश के कई हिस्सों से अभ्यर्थियों ने भोपाल पहुंचकर भाजपा के झंडे हाथ में लेकर गुजरात में जीत की बधाई दी। ये अभ्यर्थी दरअसल सत्ता में मौजूद भाजपा नेताओं को अपनी परेशानियां बता रहे थे और उनके वादे याद दिला रहे थे।

साल 2018 में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में हर साल 10 लाख नौकरी देने का वादा किया था लेकिन जिन लोगों ने सरकारी नौकरी की परिक्षाएं भी पास कर लीं उन्हें भी नौकरी नहीं मिली है। इन्हीं में शिक्षक भर्ती की पात्रता परीक्षा पास कर चुके हजारों नौजवान भी शामिल हैं जिनकी उम्र नौकरी के इंतज़ार में ढ़लती जा रही है। अपनी इसी पीड़ा को ये अभ्यर्थी सैकड़ों बार सरकार को बता चुके हैं लेकिन सब बेअसर साबित हो रहा है। ऐसे में अब ये अभ्यर्थी सत्ताधारी दल भाजपा को सामने इस तरह प्रदर्शन कर रहे हैं कि उन्हें अपने वादे किसी तरह याद आ जाएं।

भोपाल में भाजपा कार्यालय के सामने हो रहे इस प्रदर्शन में अभ्यर्थियों ने शिकायती नहीं बल्कि बधाई देने का रास्ता अपनाया। इन अभ्यर्थियों ने भाजपा को गुजरात में हुई जीत की बधाई दी। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज एवं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को बधाई दी गईं। भाजपा कार्यालय में इस दौरान मुख्यमंत्री तो मौजूद नहीं थे ऐसे में कार्यालय संगठन मंत्री  राघवेंद्र शर्मा जीत की बधाई दी और ज्ञापन सौंपा। इस दौरान इन अभ्यर्थियों ने भाजपा जिंदाबाद के नारे लगाए और फिर बातों ही बातों में अपनी मांगें भी बता दीं और एक ज्ञापन दे दिया ताकि पार्टी तक उनकी पीड़ा और संदेश पहुंच जाए।

शिक्षक भर्ती परीक्षा पास अभ्यर्थियों ने जो मांगें की हैं उनमें…

  •  अभ्यर्थी का नाम एक बार चयन सूची में आ गया है तब उसे अगली काउंसलिंग में अवसर ने देने।
  •  उच्च एवं माध्यमिक स्थाई शिक्षक भर्ती में  चार सालों से चल रही धीमी प्रक्रिया में तेजी लाने।
  •   शिक्षक भर्ती के लिए द्वितीय चरण की जो काउंसलिंग प्रक्रिया चल रही है उसमें देखा गया है कि जनजाति कार्य विभाग में पहले से चयनित अभ्यर्थियों को ही पुनः अवसर प्रदान किया जा रहा है !
  • प्रथम एवं द्वितीय चरण के उपेक्षित विषयों के रिक्त पदों में बढ़ोत्तरी करने।
  •  प्रथम चरण के शेष रिक्त पदों पर भी चयन सूची जारी करने।
  •  चयन सूची में नामों की पुनरावृत्ति पर रोक लगाने।
  •  पात्रता परीक्षा 2023 से पहले स्थाई शिक्षक भर्ती 2018 के समस्त विज्ञापित पदों को भरने।
  •  सीएम राईज स्कूलों के रिक्त पदों पर भी पात्रता पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से सीधी भर्ती करने।

इस प्रदर्शन में रंजीत गौर, रचना व्यास, रक्षा जैन, श्रद्धा कछवाहा, सौरभ मिश्रा,राजेश, गोविंद सिंह, रविश्याम दास, रतन सिंह सहित कई  अभ्यर्थियों ने भाग लिया। यहां रंजीत गौर ने बताया कि  10 वर्षों के बाद शुरू हुई शिक्षक भर्ती में अभी तक नाम मात्र की नियुक्तियां की गई हैं जबकि 2018 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 62,000 शिक्षक भर्ती की घोषणा की थी और हालही में उन्होंन इस साल 50 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा फिर की है।

 


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