इंदौर। मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रिंटेड बिलों का वितरण बंद किए जाने के कारण करीब 42000 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के बेरोजगार होने और आम उपभोक्ताओं के साथ ठगी और अवैध वसूली की शिकायतें बढ़ने लगी है।
विद्युत मंडल की इस मनमानी के खिलाफ सोशलिस्ट पार्टी इंडिया द्वारा पोलो ग्राउंड स्थित सीएमडी कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन और ज्ञापन का नेतृत्व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामस्वरूप मंत्री, नगर अध्यक्ष मुकेश चौधरी, जिला अध्यक्ष सुषमा यादव आदि ने किया।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप कर मांग की गई कि उपभोक्ताओं की लूट के लिए लाए गए ऑनलाइन बिलों की प्रक्रिया बंद की जाए तथा पुनः प्रिंटेड बिल दिए जाएं साथ ही आउटसोर्सिंग के जो कर्मचारी बेरोजगार हो रहे हैं उन्हें विद्युत मंडल में ही अन्यत्र रोजगार दिया जाए।
मुख्यमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि मध्यप्रदेश में कार्यरत चारों विद्युत वितरण कंपनियों ने एक अक्टूबर से बिजली के प्रिंटेड बिल का वितरण बंद कर दिया है। इस काम में इंदौर में करीब 1200 कर्मचारी तथा पूरे मध्यप्रदेश में 42000 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत थे।
इन्हें काम से हटा दिया गया है और वे बेरोजगार हो गए हैं तथा परिवार पर रोजी-रोटी का संकट छा गया है। विद्युत वितरण कंपनियों ने इन्हें आउटसोर्सिंग कर्मियों के रूप में काम दिया था, जिन्हें स्थाई कर्मचारी भी नहीं माना गया था।
हालांकि लंबे समय से यह संविदा कर्मचारी नियमित किए जाने की मांग करते रहे हैं और समय-समय पर शासन की ओर से उन्हें आश्वस्त भी किया जाता रहा है। बावजूद इसके न तो उन्हें स्थाई किया गया और न हीं अन्य कोई सुविधाएं दी गई।
हाल ही में जो निर्णय किया गया है उससे यह 42000 कर्मचारी बेरोजगार हो रहे हैं। विद्युत मंडल ने इनके वैकल्पिक रोजगार की भी कोई व्यवस्था नहीं की है। साथ ही बिजली बिल वितरण बंद होने से उपभोक्ताओं पर भी दोहरी मार पड़ रही है।
पिछले महीने ही जिन उपभोक्ताओं ने सितम्बर की 4 तारीख को अपने बिलों का भुगतान किया था उन्हें 18 तारीख को फिर बिल दे दिए गए, जिसका भी भुगतान उन्हें करना पड़ा। इस तरह से एक महीने में दो बार विद्युत मंडल ने वसूली की है।
इस धरना-प्रदर्शन में प्रमुख रूप से कैलाश यादव, डीएस मिश्रा, पंकज जैन, मोहम्मद अली सिद्दीकी, दुर्गा यादव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शरीक थे।