इंदौर। किसान आंदोलन के तहत लखीमपुर खीरी में हुए प्रदर्शन और इस दौरान हुई हिंसक घटना का विरोध हर कहीं हो रहा है। सोमवार को इंदौर में संयुक्त किसान मोर्चा के आवाहन पर प्रदर्शन किया गया। यहां विभिन्न किसान संगठनों और जन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने संभाग आयुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे किसानों को गाड़ी से रौंदने का आरोप है। इंदौर में प्रदर्शन करने वाले संगठनों के मुताबिक अब योगी और मोदी सरकार उस अपराधी को संरक्षण देने का काम कर रही है और इसके विरोध में आज देशभर में प्रदर्शन किये तथा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त करने तथा उनके बेटे पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
इंदौर में हुए प्रदर्शन में अरुण चौहान, रामस्वरूप मंत्री, रामबाबू अग्रवाल, दिलीप राजपाल, केदार सिरोही, प्रमोद नामदेव, बबलू जाधव, रूद्रपाल यादव, सोनू शर्मा के नेतृत्व में प्रभावी प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने लखीमपुर घटना की न्यायिक जांच कराने अजय मिश्रा को बर्खास्त करने और उनके बेटे पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांगों की लिखी हुई तख्तियां हाथों में लिए हुई थी प्रदर्शनकारियों ने करीब 1 घंटे तक संभागायुक्त कार्यालय के समक्ष नारेबाजी भी की। प्रदर्शनकारियों को सर्वश्री अरुण चौहान हरिओम सूर्यवंशी रामबाबू अग्रवाल, विनीत तिवारी,रामस्वरूप मंत्री ,सोहनलाल शिंदे आदि ने संबोधित किया।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से अरविंद पौरवाल, सोनू शर्मा राजू जरिया ,लाखन सिंह पटेल, भरत सोलंकी, छेदीलाल यादव, मोहम्मद अली सिद्दीकी, खुर्शीद मंसूरी ,रजनीश जैन, मुस्तफा बादशाह आदि शामिल थे।
इसके बाद में प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन संभाग आयुक्त को दिया जिसमें कहा गया है कि कल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) में किसानों को रौंदकर दिनदहाड़े उनकी बर्बर हत्या करने की घटना से पूरा देश क्षुब्ध है।
ज्ञापन में की गई मांगें:
- केंद्रीय राज्य गृह मंत्री अजय मिश्र टेनी को तुरंत अपने पद से बर्खास्त किया जाए और उनके विरुद्ध हिंसा उकसाने और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का मुकदमा दायर किया जाए।
- मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा “मोनू” और उसके साथी गुंडों पर तुरंत 302 (हत्या) का मुकदमा दर्ज हो और उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए।
- वारदात की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी द्वारा की जाए।
- संवैधानिक पद पर रहते हुए हिंसा के लिए उकसाने के दोषी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उनके पद से बर्खास्त किया जाए।