51 हजार भर्तियों के लिए जारी है मांग, 13 फरवरी को फिर भोपाल पहुंच रहे अभ्यर्थी


कई बार यह अभ्यर्थी अपनी मांग लेकर भोपाल में मंत्री अधिकारियों के पास जा चुके हैं.


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उनकी बात Updated On :

इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों युवाओं से लगातार चर्चा कर रहे हैं। इसका उद्देश्य चुनाव से पहले युवाओं को जोड़ना है। युवाओं को जोड़ना इसलिए ज़रूरी है क्योंकि रोजगार और शिक्षा के मुद्दे पर युवा सरकार से नाराज़ दिखाई दे रहे हैं।

हालांकि इस बीच भी सरकार इन युवाओं की सभी मांगों पर गौर नहीं कर रही है। इनमें सबसे अहम मांग प्राथमिक शिक्षकों की पद वृद्धि की है। जिस पर सरकार ने अब तक गौर नहीं किया है।

इसी के साथ अब यह अभ्यर्थी 13 फरवरी को फिर भोपाल जा रहे हैं। इनका कहना है कि जब एक परीक्षा पास करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है तो दूसरी परीक्षा में पढ़ने और फिर पास करने के लिए भी मनोबल टूट रहा है।

वर्ग तीन की परीक्षा पास कर चुके इन अभ्यर्थियों की मांग है कि वर्ग तीन में पद वृद्धि की जाए। दरअसल,  प्रदेश में 1.94 लाख अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा पास की है और इनमें से कुल 10308 को ही नौकरी दी जा रही है।

सरकार ने फिलहाल केवल 18 हजार पद ही निकाले हैं और इसमें से 8219 पद पर बैकलॉग की भर्ती हो रही है और इस तरह 10308 पद पर ही नई भर्ती हो रही है।

ऐसे में यह संख्या परीक्षा पास कर चुके करीब दो लाख बेरोजगारों की ज़रूरत के आगे बेहद कम है और इसी के चलते वे सरकार से जवाब मांग रहे हैं।

इन अभ्यार्थियों के मुताबिक प्रदेश में शिक्षकों के 1 24,243 पद खाली पड़े हैं ऐसे में एसटी और ओबीसी पर हो रही भर्ती के साथ 51 हजार पदों पर भी भर्ती की जाए।

अपनी इस मांग को लेकर यह अभ्यर्थी पिछले दिनों मंत्री मीना सिंह से मिले। यहां उन्हें मंत्री ने आश्वासन दिया लेकिन इसके बाद से कोई खबर नहीं है। इससे पहले यह अभ्यर्थी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार सहित कई विधायकों से मिलकर अपनी मांग बता चुके हैं।

मंत्री मीना सिंह को ज्ञापन देने पहुंचे अभ्यर्थी

इन अभ्यर्थियों में से कुछ ने बताया कि सरकार ने नई नौकरियां निकाल दी हैं और ज्यादातर लोग फिर तैयारियों में जुट गए हैं। कुछ को उम्मीद है कि उन्हें पिछली परीक्षा के आधार पर नौकरी मिल जाएगी।

लेकिन, ये युवा गहरे मानसिक आघात में हैं क्योंकि उन्हें एक बार परीक्षा पास करने के बाद नौकरी मिली है और उन्हें यह मौका चुनावी साल के कारण ही मिला है। ऐसे में अब अगर नौकरी या नियुक्ति नहीं दी गईं तो फिर शायद पांच साल बाद फिर मौका मिले।

इन्हीं अभ्यार्थियों में से एक मंगल सिंह बताते हैं कि सरकार ने पिछले बार 11 साल बाद 2018 में नौकरी की परीक्षा ली थी जिसमें वे पास हुए थे लेकिन पांच साल बाद अब तक नौकरी नहीं मिली।

इसके बाद अब फिर परीक्षा दे रहे हैं और लग रहा है कि यह आख़िरी मौका है क्योंकि इस बार परीक्षा देने से चूके तो फिर शायद पांच साल बाद मौका मिले।

 


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