मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान देशव्यापी आन्दोलन कर रहे हैं। अब तक चार दौर की असफल बैठक के बाद कल यानी 5 दिसंबर को किसान नेताओं और सरकार के बीच पांचवी बार बैठक होने जा रही है। किंतु इस दौरान कई किसानों की मौत हो चुकी है। इस बीच खबर है कि, दिल्ली बॉर्डर से किसानों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई है!
बीते 9 दिनों से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश सहित देश भर के किसान दिल्ली को चारों ओर से घेर कर बैठे हैं। उन्हें न ठण्ड की चिंता है न ही पुलिस और सेना की तोपों की। इस बीच आन्दोलन के दौरान बीते एक सप्ताह में 5 किसानों की मौत हो गयी है। बीते बुधवार को गुरजंत सिंह नाम के एक 60 साल के किसान ने धरना स्थल पर दम तोड़ दिया। इसी दिन मोगा जिले के भिंडर खुर्द गांव के निवासी 80 वर्षीय गुरबचन सिंह की बुधवार को मोगा में प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। आज एक 50 वर्षीय किसान लखबीर सिंह ने टीकरी बार्डर पर दम तोड़ दिया।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, पंजाब सरकार ने कल मारे गये दो किसानों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराने की बृहस्पतिवार को घोषणा की है।
https://twitter.com/PunjabGovtIndia/status/1334401001302892545
गुरजंत सिंह की मौत पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शोक प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि देते हुए मृत किसान के परिवार को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता और अन्य सुविधाएं देने का वादा किया था।
Deeply anguished at the death of Gurjant Singh and Gurbachan Singh, farmers from Mansa & Moga respectively during their participation in the protests at Delhi. Government will provide full monetary & other assistance to the bereaved families. My heartfelt condolences and prayers.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) December 3, 2020
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। किंतु रुपयों से जिंदगियां लौट कर नहीं आती यह बात अमरिंदर सिंह भी अच्छी तरह जानते हैं।
वहीं, 2 दिसंबर को दिल्ली में कृषि कानून के खिलाफ चल रहे आंदोलन से लुधियाना लौट रहे 32 वर्षीय किसान बलजिंद्र सिंह की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी, जबकि उसी गांव का उसका साथी 26 वर्षीय गुरजीत सिंह घायल हो गया। बताया गया कि किसान की बाइक को पीछे से आ रहे किसी अज्ञात वाहन ने अपनी चपेट में ले लिया, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।
वहीं, खबर के मुताबिक, बहादुरगढ़ में धरने पर बैठे अब तक चार किसानों की मौत हो चुकी हैं।
इससे पहले भिवानी में 27 नवंबर शुक्रवार को दिल्ली कूच कर रहे पंजाब के किसानों के जत्थे को लेकर आ रहे धन्ना सिंह की उस वक्त हो गयी थी जब उनकी ट्राली को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इसी तरह धन्ना सिंह नामक एक एक युवा किसान की भी दिल्ली आते वक्त सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी।
वहीं, बीते 29 नवंबर को गज्जन सिंह नामक एक किसान की भी मौत हो गयी थी। लुधियाना के भगवानपुरा के रहने वाले थे। मौत के बाद गज्जन सिंह के साथियों ने मीडिया को बताया था कि, दिल्ली आने के दौरान हरियाणा के जुलाना में हुई पानी की बौछार में भीगने के कारण वह 3 दिनों से बीमार थे। लोगों ने बताया कि गज्जन सिंह बहादुरगढ़ बाईपास पर नए बस स्टैंड के पास ही रुके थे। देर रात वह लघुशंका के लिए सड़क से कुछ दूर गए और वहीं पर गिर पड़े। साथी किसानों ने उन्हें संभाला और अचेतावस्था में पास के जीवन ज्योति अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गज्जन सिंह के भतीजे और परिवार के लोगों ने सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए किसान की हत्या के आरोप में हरियाणा के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। परिवार के लोगों ने भी गज्जन सिंह का शव लेने से मना कर दिया है।
बता दें कि, कल, 3 दिसंबर को केंद्र सरकार और किसान नेताओं की चौथे दौर की बातचीत से पहले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात के बाद कहा था कि, किसानों के आन्दोलन से आर्थिक नुकसान हो रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरा है!
Discussion is going on between farmers & Centre, there's nothing for me to resolve. I reiterated my opposition in my meeting with Home Minister & requested him to resolve the issue as it affects the economy of my state & security of the nation: Punjab CM Captain Amarinder Singh https://t.co/OPfQWdyPCL pic.twitter.com/6T4gxMuydo
— ANI (@ANI) December 3, 2020
कैप्टन साहेब की इस बात को गोदी मीडिया ने खूब भुनाया, जो पहले से ही आन्दोलनकारी किसानों को खालिस्तानी और देशद्रोही बता कर प्रचार में लगी हुई थी उन्हें मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने एक संजीवनी दे दी अपनी गलत रिपोर्ट को सही साबित करने के लिए।
हालांकि इसके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह खूब ट्रोल हुए और आम आदमी पार्टी ने भी उन्हें इस बात के लिए घेरा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पंजाब में सीएम के इस बात पर कहा कि वे बीजेपी की तरह बात कर रहे हैं।
Captain Amarinder Singh met BJP leaders yesterday and is now defending BJP & saying that the farmers' agitation is a danger to national security. The Punjab CM is behaving like a BJP CM. He's speaking on the lines of BJP: Manish Sisodia, Dy Chief Minister of Delhi & AAP leader pic.twitter.com/SweCv7jYhf
— ANI (@ANI) December 4, 2020
सिसोदिया ने कहा है कि कैप्टन अमरेंद्र सिंह कल भाजपा नेताओं से मिले और अब भाजपा का बचाव कर रहे हैं और कह रहे हैं कि किसानों का आंदोलन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। पंजाब के सीएम भाजपा के सीएम की तरह व्यवहार कर रहे हैं। वह भाजपा की तर्ज पर बोल रहे हैं।
इससे पहले भी आम आदमी पार्टी की ओर से कैप्टन अमरेंद्र सिंह पर नए कृषि बिलों के मामले में बीजेपी का साथ देने के आरोप लगाए गए हैं। वहीं कैप्टन अमरेंद्र सिंह आम आदमी पार्टी पर किसान आंदोलन को लेकर दोगुले रवैया को अपनाने का आरोप लगा चुके हैं। उनका कहना है कि कृषि कानूनों पर केजरीवाल सरकार दोहरे मापदंड अपना रही है।