दलित युवक के चेहरे पर दाढ़ी थी, लोगों ने मुसलमान समझकर बेरहमी से पीटा, जांचने के लिए कपड़े भी उतारे…


पीड़ित युवक आदित्य रोकड़े के चेहरे पर दाढ़ी थी और लोगों को चोरी के बारे में जानने से ज्यादा उसके धर्म के बारे में जानने में रुचि थी।


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उनकी बात Published On :

इंदौर। खरगोन जिले के औद्योगिक क्षेत्र निमरानी में एक दलित समुदाय के युवक की बेरहमी से पिटाई की गई। लोग उसे मुसलमान समझकर मार रहे थे और वह बार-बार बता रहा था कि वह हिंदू है। उसकी पिटाई गेहूं की बोरियां चुराने के आरोप में की जा रही थी लेकिन चोरी से ज्यादा लोग उसका धर्म जानने के लिए उत्सुक दिख रहे थे। उसका धर्म जानने के लिए पीटने वाले उसका अंडरवियर तक उतार रहे थे। इस घटना का वीडियो लगातार वायरल हो रहा है। जिसके बाद अधिकारियों ने प्रकरण दर्ज किया है।

औद्योगिक क्षेत्र निमरानी में बैंड बाजा बजाने का काम करने वाले आदित्य रोकड़े के साथ यह मॉब लिंचिंग हुई है। आदित्य एक कार्यक्रम में अपना काम करके वापस घर लौट रहा था। रास्ते में कुछ लोगों ने चोरी का आरोप लगाकर उसे रोक लिया और पिटाई शुरू कर दी। खबरों की मानें तो पीटने वाले लगातार आदित्य से उसका नाम पूछ रहे थे और वह अपना नाम बता भी रहा था लेकिन उसके चेहरे पर दाढ़ी के कारण लोगों को उसके मुसलमान होने का शक हो रहा था और इसीलिए वे उस पर भरोसा भी नहीं कर रहे थे। ज़ाहिर है कि ये लोग मुसलिम समुदाय से अपनी नफ़रत के कारण इस युवक से इस तरह का व्यवहार कर रहे थे।

इस बीच पीड़ित युवक आदित्य की मां का भी बयान आया। उनकी मां का नाम भगवती है और उन्होंने बताया कि   उनका बेटा खलघाट में ढोल बजने गया था वहां से आते समय उसने घर आने के लिए  दूसरा रास्ता लिया जहां से वह फैक्ट्री के पास से गुजर रहा था तब कुछ लोग उसकी ओर दौड़े। उस समय आदित्य ने शराब भी पी हुई थी तो वह डर गया। इस बीच भीड़ से उसे पकड़ लिया और मारपीट शुरू कर दिया। आरोपी कह रहे थे की वो मुसलमान हैं। जबकि आदित्य ने अपना नाम पता और जाति भी उन लोगो को बता दी उसके बाद भी उसे मारते रहे उसे गोली मरने की बात बोलते रहे। बाद में उसकी अंडरवेयर उतार कर देखा की मुसलमान है या हिन्दू।

एक समाचार वेबसाईट के मुताबिक आदित्य की मां का आरोप है कि जहां मारपीट हो रही थी वहां पुलिस भी मौजूद थी लेकिन उसके बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। भीड़ उसे पुलिस के सामने भी पीटती रही। इतना ही नहीं इसके बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर उल्टे आदित्य को ही गिरफ्तार भी कर लिया। बाद में वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आदित्य की ओर से एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ ST/SC एक्ट सहित IPC की अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

इस मामले का वीडियो वायरल हो चुका था लेकिन खरगोन पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने इस बात से इनकार किया है कि पीड़ित को मुस्लिम समझकर पीटा गया। उन्होंने कहा है कि इसमें कोई धार्मिक फैक्टर नहीं है। सिंह ने बताया कि मामले में रितेश शर्मा, रामविलास चौधरी, बबलू दौड़वे और चेतन पाटिल सहित अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इसके साथ साथ चौकी प्रभारी राजेंद्र बघेल को लापरवाही के कारण निलंबित कर दिया गया है और महेश्वर SDOP मनोहर सिंह गवली को चौकी प्रभारी के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं।


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