कोरोना योद्धा सम्मान में गड़बड़ीः 4 में से 3 कर्मचारियों की कोरोना काल से पहले मौत

Manish Kumar
उनकी बात Updated On :
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उज्जैन में सीएमएचओ तथा सिविल सर्जन कार्यालय के स्थापना शाखा प्रभारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी व लापरवाही के कारण जिला मलेरिया विभाग के चार ऐसे कर्मचारियों को भी सम्मान से नवाजा गया, जिनमें से तीन की एक साल पहले यानी कोरोना संक्रमण काल के पहले ही मौत हो चुकी थी और एक कर्मचारी की अप्रैल-2020 में मौत हुई है, जो बीमार चल रहा था और अवकाश पर था। ये सभी मलेरिया विभाग में फील्ड वर्कर के पद पर थे। 2018-19 में सेवानिवृत्त हो चुके 12 कर्मचारियों को भी सम्मानित कर दिया गया।

इनमें विजय शिंदे, चुन्नीलाल,गुरुचरण कलोसिया, फूलचंद्र सूर्यवंशी, दयाराम बाबूलाल, सुरेंद्र कुमार, रमेश चेतन, लक्ष्मण लश्करी, दिलीप शिंदे, लक्ष्मण नाजीर, दुर्गाशंकर नामदेव सहित अन्य शामिल हैं। राज्य शासन द्वारा 28 सितंबर को यह सम्मान दिया है। इससे साफ है कि स्वास्थ्य जैसे जिम्मेदार विभाग में किस तरह की लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में कर्मचारी संगठनों ने सवाल खड़े किए हैं कि जो कर्मचारी कोरोना काल में जीवित ही नहीं थे और जिन्होंने संक्रमण काल में अपनी सेवाएं ही नहीं दी, उन्हें कैसे सम्मानित कर दिया गया? जबकि मार्च से अब तक चिकित्सा सेवाएं देने वाले डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को सम्मान से वंचित रखा गया है।

ये कर्मचारी जिनकी मौत हो चुकी
रामनारायण जाटवा, रमेशचंद्र कुशवाह, मुकेश जाटवा, करणसिंह मेहरा की कोरोना काल से पहले मौत हो चुकी। ये सभी मलेरिया विभाग में फील्ड वर्कर के पद पर पदस्थ थे।

कोरोना योद्धा सेवा सम्मान देने के मामले में संज्ञान में लिया है। जो भी नियमानुसार कार्रवाई होगी, की जाएगी। – डॉ. महावीर खंडेलवाल, सीएमएचओ


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