मंत्री-विधायकों के एशो-आराम पर करोड़ों खर्च और हमारे वेतन की फाइलें तीन साल से अटकीं…


संविदा कर्मचारियों का प्रदर्शन, संविदा नीति के तहत वेतन देने की मांग, जलाई संविदा नीति की प्रतियां, कहा हम काम में पीछे नहीं लेकिन वेतन में हो रहा भेदभाव


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उनकी बात Updated On :

भोपाल। प्रदेश के संविदा कर्मचारी इन दिनों सरकार से नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इन कर्मचारियों ने शुक्रवार को संविदा कर्मचारियों के लिए तैयार नीति संबंधी आदेश की होली जलाई। इन कर्मचारियों के लिए साल 2018 में सरकार ने नियमित कर्मचारियों के 90 प्रतिशत वेतन देने की नीति बनाई थी लेकिन इसे ज्यादातर विभागों ने लागू ही नहीं किया और सरकार ने भी कई बार मांग और ज्ञापन दिये जाने के बावजूद इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

संविदा कर्मचारियों के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर के नेतृत्व में कर्मचारियों ने राज्य शिक्षा केंद्र के पुस्तक भवन के सामने  राज्य सरकार द्वारा 5 जून 2018 को जारी की गई इस नीति की प्रतियों की  होली जलाई। कर्मचारियों ने बताया कि इस नीति को बनाए हुए अब चार साल होने को हैं लेकिन अब तक सरकार ने खुद ही इसका पालन नहीं करवाया है।

नीति की होली जलाते हुए इन कर्मचारियों ने सरकार के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि ऐसी नीति किस काम की है, समग्र शिक्षा अभियान के कर्मचारियों के वेतन बढाने की फाईल वित्त विभाग में एक साल से चल रही है, वहीं दूसरी ओर वित्त विभाग  मंत्रियों, विधायकों के लिये नई महंगी कारों और दूसरी सुविधाओं के लिए अनुमति दे रहा है।

कर्मचारियों ने कहा कि बढ़ती महंगाई के चलते एक ओर संविदा कर्मचारी अपने वेतन से ठीक तरह से जीवन यापन भी नहीं कर पा रहे हैं और विधायकों और मंत्रियों के ऐश और आराम के लिए प्रदेश सरकार खजाने से करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।

संविदा कर्मचारियों के मुताबिक वे वही काम करते हैं जो नियमित कर्मचारियों को दिया जाता है और कई बार वे नियमित कर्मचारियों से भी ज्यादा काम करते हैं लेकिन उनका वेतन नियमित कर्मचारियों से आधा होता है। ऐसे में वे अपने बच्चों की स्कूल की फीस भी नहीं भर पाते हैं वहीं बढ़ती महंगाई उनकी जेब पर और भी भारी पड़ रही है।

संविदा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि वित्त विभाग में 12 से 15 विभागों की फाईल पेंडिंग हैं। जिसमें समग्र शिक्षा अभियान, मनरेगा, पीएचई, पीडब्यू डी, महिला बाल विकास, बाल भवन, ईसीसी समन्वयक सहित 12 विभाग हैं।

शुक्रवार को हुए इस प्रदर्शन में रमेश सिंह, गोपाल दुबे, सत्येंद्र परिहार, अरुण दुबे, प्रमोद खरे, रवि श्रीवास, वैभव श्रीवास्तव , पंकज श्रीवास्तव , राजकुमार साकल्ले, नरेश कुशवाह, नीलेश सटोके, सुनील श्रीराव, विजय जैन, पूरण सिंह, राहुल जैन आदि नै सहभागिता की संविदा

कर्मचारियों की 12 सूत्रीय मांगे …

राज्य शिक्षा केन्द्र के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने,  5 जून 2018 की नीति के अनुसार सातवां वेतन देने, शिवपुरी-उज्जैन में हटाए गए सहायक वार्डनों वापस लिए जाने,  संविदा के बीआरसीसी जिनको बीएसी बना दिया था उनको वापस बीआरसी बनाए जाने, MIS, DEO, MRC, ACCOUNTANTS सहायक वार्डनों की वेतन विसंगति दूर करने,  वरिष्ठता के आधार पर से समयमान वेतनमान क्रमोन्नती देने, प्रोग्रामर, सहायक यंत्त्री,  MIS, MRC, APC ID, का ग्रेड पे परिवर्तित करने जैसी की मांगें शामिल हैं।


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